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आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कई बड़े एलान किये

कोविड-19 महामारी के चलते पूरी दुनिया की अर्थव्यस्था गिरती जा रही है जिसका असर हमारे देश में भी काफी पड़ रहा है। इन्ही हालातों को देखते हुए आज आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कई बड़े एलान किये। शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते रिजर्व बैंक आर्थिक हालात पर लगातार नजर रखे हुए है। आर्थिक तंत्र में पर्याप्त नकदी बनाये रखने के लिये हर संभव कदम उठायेगा।
शक्तिकांत दास ने कहा कि केन्द्रीय बैंक ने रिवर्स रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती कर उसे 3.75 प्रतिशत कर दिया। हालांकि, रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रिवर्स रेपो दर घटने से बैंक अपनी नकदी को फौरी तौर पर रिजर्व बैंक के पास रखने को कम इच्छुक होंगे। इससे उनके पास नकदी की उपलब्धता बढ़ेगी। इससे बैंक अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को अधिक कर्ज देने को प्रोत्साहित होंगे।
शक्तिकांत दास ने कहा, ”केंद्रीय बैंक के कदमों से बैंकिंग प्रणाली में नकदी की स्थिति में सुधार आया है, यह बढ़ी है. आरबीआई प्रणाली में पर्याप्त तरलता बनाए रखने, बैंक ऋण प्रवाह को आसान बनाने, वित्तीय दबाव को कम करने के लिए नए उपायों की घोषणा करेगा.”
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कई बड़े एलान किये हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्तीय दबाव को कम करने के लिए केन्द्रीय बैंक पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करेगा। इसके साथ ही दास ने राज्यों पर खर्च के बढ़े दबाव को देखते हुये उनके लिये अग्रिम की सुविधा को 60 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। इससे राज्यों को इस कठिन समय में संसाधन उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
उन्होंने अन्य उपायों के संबंध में कहा कि केंद्रीय बैंक लक्षित दीर्घकालिक रेपो परिचालन के जरिए अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करायेगा। यह काम किस्तों में किया जायेगा। इसके अलावा उन्होंने नाबार्ड, नेशनल हाउसिंग बैंक और सिडबी जैसे वित्तीय संस्थानों के पुन: वित्त पोषणा के लिए 50,000 करोड़ रुपये की सहायता देने की भी घोषणा की।
गवर्नर ने कहा कि आरबीआई कोविड-19 के प्रकोप से पैदा होने वाले हालात पर नजर बनाए रखे हुए है। उन्होंने बताया कि मार्च में निर्यात 34.6 प्रतिशत घट गया, जो 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट की तुलना में कहीं बड़ी गिरावट को दर्शाता है। भारत के लिए आईएमएफ का जीडीपी वृद्धि अनुमान 1.9 प्रतिशत है, जो जी20 देशों में सबसे अधिक है. इसके अलावा RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के 2021-22 में वापसी करने के आसार है.