- देवेंद्र फडणवीस ने गवर्नर से की फ्लोर टेस्ट की मांग
- नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट लिखने पर शख्स की गला रेतकर हत्या करने वाले दोनों आरोपी गिरफ्तार
- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बागी विधायकों से बोले मुझे आपकी फिक्र
- योगी आदित्यनाथ ने सरकार के 100 दिनों के कार्यों की समीक्षा बैठक की
- आजमगढ़ जीतने के बाद सीएम योगी से मिले दिनेश यादव निरहुआ आम्रपाली दुबे भी रहीं साथ
सिपाही से लेकर एसपी और डीआईजी तक की हो रही छटनी, मांगी गई अधिकारियों की सूची

लखनऊ : प्रदेश के आधा दर्जन आईपीएस अधिकारियों को जबरन रिटायर करने की तैयारी की जा रही है। डीजीपी मुख्यालय ऐसे अधिकारियों की सूची तैयार कर रहा है। इनकी स्क्रूटनी प्रदेश के आला अफसर और डीओपीटी के अफसर मिलकर करेंगे और निर्णय लेंगे।
सूत्रों के मुताबिक डीजीपी मुख्यालय जबरन रिटायरमेंट के लिए जिन आईपीएस अधिकारियों की सूची तैयार कर रहा है उसमें लगभग सभी अधिकारी प्रांतीय पुलिस सेवा से प्रोन्नति पाकर आईपीएस बने हैं। 50 साल की उम्र पार कर चुके इन अफसरों को तीन माह का नोटिस देकर उन्हें सेवा से बाहर करने की तैयारी है। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए जो पैमाना तय किया गया है उसमें संबंधित अधिकारी का व्यवहार, 10 साल की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि और उक्त अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप यदि सिद्ध हुए हैं, तो उसे भी देखा जाएगा।
दर असल पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और सेवा से बाहर किए जाने के निर्देश दिए थे जिनका चाल और चरित्र ठीक नहीं है और वह सरकार की बदनामी का कारण बन रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद हरकत में आए महकमे ने शासनादेशों का हवाला देकर सभी विभागाध्यक्षों को इस बाबत पत्र लिखा है।
सिपाही से लेकर एसपी और डीआईजी तक की हो रही छटनी
सूत्रों की मानें तो जबरन रिटायरमेंट की इस कवायद में सिपाही से लेकर डीआईजी स्तर के अधिकारियों तक को छांटा जा रहा है। विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि 31 मार्च 2019 को जिन पुलिस कर्मियों और अधिकारियों ने 50 साल की उम्र पूरी कर ली हो उनकी स्क्रीनिंग की जाए। डीजीपी मुख्यालय ने ऐसे पुलिस कर्मियों और अधिकारियों की सूची 30 जून तक मांगी है। आईपीएस अधिकारियों की स्क्रीनिंग डीओपीटी और पुलिस विभाग के अधिकारी व मुख्य सचिव मिलकर करेंगे।