उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हाथरस की घटना की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में CBI की जाँच की मांग की

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हाथरस की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया, जिसमें कहा गया कि अदालत को मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच का निर्देश देना चाहिए। हलफनामे में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट को CBI जांच की निगरानी करनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने इस हलफनामे में कहा कि कुछ लोग प्रदेश को दंगे की आग में झोकना चाहते थे। इसीलिए इस मामले को इतना बड़ा बनाया गया। सरकार की ओर से याभ कहा गया 14 सितंबर को पुलिस को सूचना मिलने तुरंत बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया। और आरोपियों पर कार्यवाही है। सरकार ने यह भी कहा है कि पीड़िता के परिवार के मंजूरी के बाद ही उसका अंतिम संस्कार किया है। दंगो हो रही साजिश देखते हुए पुलिस प्रसाशन ने आधी रात में पीड़िता का अंतिम संस्कार किया।

बतादें कि हाथरस की बेटी को न्याय दिलाने के बहाने उत्तर प्रदेश में दंगा कराने की साजिश रची जा रही थी। जिसकी जानकारी पुलिस को लग गई थी । पुलिस ने इस मामले में बड़ी कार्यवाही करते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ़्तारी मथुरा से की गई है। इन लोगों की गिरफ़्तारी सड़क पर हो रही चेकिंग के दौरान हुई। ये चारों दिल्ली नंबर प्लेट की गाड़ी से चेकिंग प्वाइंट पर पहुंचे थे। जो लोग गिरफ्तार हुए हैं इनमें से एक मल्लापुरम का रहने वाला है जबकि बाकी मुजफ्फरनगर, बहराईच और रामपुर के रहने वाले हैं। पुलिस ने वंही से इन्हे गिरफ्तार किया है। इनके पास से कई संदिग्ध वस्तुए भी बरामद की गई हैं।

पुलिस का कहना है कि कुछ ऐसे सुराग उनके हाथ लगे हैं। जिससे लगता है कि यह बहुत बड़ी साजिश थी। हाथरस में जो मुक़ददमा दर्ज हुआ है उसमे कहा गया है कि इस मामले के बहाने में पूरे प्रदेश में जातीय और सांप्रदायिक दंगे कराने की साजिश रची गई। जिससे योगी सरकार को बदनाम किया जा सके। पुलिस का मानना है कि पूरे प्रदेश में अफवाहें फैलाई जा रही है पीड़ित के परिवार को गुमराह कर सरकार के खिलाफ भड़काया जा रहा है। इसके साथ ही फर्जी तस्वीरों फर्जी सूचनाओं की मदद से नफरत फैलाने का प्रयास हो रहा है ।

पुलिस ने सोशल मीडिया पर झूठे, आपत्तिजनक, संवेदनहीन और बेहद भड़काऊ पोस्ट डालने और जातीय नफरत पैदा करने, गलत व अप्रमाणिक सूचनाएं सार्वजनिक कर यूपी को दंगों की आग में झोंकने के प्रयास का मामला दर्ज हुआ है । इसके साथ ही कई ज़िलों में कुल 13 एफआईआर दर्ज की गई है । मामला दर्ज होने के बाद प्रदेश पुलस हाईअलर्ट पर है।

उत्तर प्रदेश के ADG प्रशांत कुमार ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि कल भीड़ कोविड गाइडलाइन्स का उल्लंघन करते हुए हिंसा पर उतारू हो गई, हल्का बल उपयोग करके स्थिति को नियंत्रित किया गया। सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट डालकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के विरूद्ध अभियोग पंजिकृत किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि हाथरस में दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर कुछ अराजक तत्व प्रदेश में अमन चैन बिगाड़ने और जातीय द्वेष फैलाने के उद्देश्य से पीड़ित परिवार को भड़काने, गलत बयान देने के लिए दबाव बनाने और उन्हें 50लाख रुपये का प्रलोभन देने आदि के संबंध में अभियोग पंजीकृत किया गया है।