उद्धव सरकार का बड़ा फैसला महाराष्ट्र में सीबीआई को जाँच शुरू करने से पहले लेनी होगी राज्य सरकार से अनुमति

महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है जिसमें कहा गया है कि सीबीआई को महाराष्ट्र में जाँच शुरू करने से पहले राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। बिना राज्य सरकार की अनुमति के सीबीआई महाराष्ट्र में जाँच नहीं कर पायेगी। महाराष्ट्र देश का पांचवां राज्य बन गया है जंहा ऐसे नियम बनाया गया है।
इससे पहले पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान ने भी राज्य में सीबीआई की जाँच शुरू करने से पहले राज्य सरकार से अनुमति का नियम बना चुके हैं।

महाराष्ट्र सरकार ने 22 फरवरी, 1989 को जारी एक आदेश जारी कर दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सदस्यों को एक कानून के तहत राज्य में शक्तियों और न्यायक्षेत्र के इस्तेमाल की सहमति दी थी जिसे अब वापस ले लिया गया है। अब सीबीआई को महाराष्ट्र में जाँच शुरू करने से पहले राज्य सरकार से सहमति लेनी होगी। अबतक सीबीआई किसी भी मामले की जाँच कभी भी शुरू कर सकती थी और राज्य सरकार को बिना बताये कही भी छापा मार कर कार्यवाही कर सकती थी।

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि CBI छोटे-छोटे मामलों में भी घुसने लगी, CBI का अपना एक वजूद है। महाराष्ट्र जैसे राज्य में अगर कोई राष्ट्रीय कारण है तो CBI को जांच करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि मुंबई या महाराष्ट्र पुलिस ने किसी विषय पर जांच शुरू की, किसी और राज्य में FIR दाखिल की जाती है वहां से केस CBI को जाता है और CBI महाराष्ट्र में आ जाती है। अब ये नहीं चलेगा, महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस का अपना एक अधिकार है जो संविधान ने दिया है।

बतादें कि सीबीआई केंद्र सरकार के अंतर्गत काम करती है इसलिए विपक्ष की राज्य सरकारों को लगता है कि केंद्र सरकार सीबीआई के जरिये उन्हें निशाना बना रही है। सबसे पहले सीबीआई के खिलाफ पश्चिम बंगाल की ममता ने आवाज उठाई जब वंहा के एक अधिकारी खिलाफ जाँच शुरू की थी। उस समय बहु बवाल मचा था। जिसके बाद उन्होंने राज्य में सीबीआई जाँच शुरू होने से पहले राज्य सरकार की अनुमति का प्रावधान किया। जिसके बाद कई राज्यों ने इसका प्रावधान किया।