जेपी नड्डा ने बिहार में कहा कि कमल पर आपकी उंगली दबती है तो यहां का विकास होता है

बिहार में चुनाव का शंखनाद हो चुका है। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा बिहार पहुंच चुके हैं। आज भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार के लोगों को सम्बोधित किया उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर बन रहा है तो नीतीश जी और सुशील मोदी जी ने तय किया है कि आत्मनिर्भर बिहार भी बनाया जाए। दुनिया के कुल मखाने में से 90 प्रतिशत बिहार में होता है, उसमें से भी 80 प्रतिशत मिथिला की धरती पर होता है।

जेपी नड्डा ने कहा कि यहां मखाने का करीब 600 करोड़ रुपये का व्यापार होता है, हमारी कोशिश है कि हम इसे आगे बढ़ाएं। इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, मार्केट और कुशल व्यक्ति चाहिए। इसलिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज में से 1 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था किसानों के लिए की है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने 40 साल में सिर्फ एक AIIMS दिया, अटल जी ने अपने कार्यकाल में 6 AIIMS दिए और मोदी जी ने देश को 23 AIIMS जिसमें बिहार को 2 AIIMS दिए हैं।

जेपी नड्डा ने कहा कि बिहार के लोगों की बात नरेन्द्र मोदी जी गंभीरता से सुनते हैं। कमल पर आपकी उंगली दबती है तो यहां का विकास होता है। उन्होंने कहा कि आज उड्डयन मंत्री हरदीप पूरी जी ने यहां दौरा किया है। छठ पर्व से पूर्व और दीवाली पर्व से पूर्व आपके यहां डेली फ्लाइट्स चलने लगेंगी। प्रधानमंत्री मोदी जी ने कल्पना रखी है कि अब आम आदमी भी हवाई सफर कर सकेगा।

जेपी नड्डा ने कहा कि आज केंद्र में नरेन्द्र मोदी जी और बिहार में नीतीश कुमार जी और सुशील मोदी जी राजनीतिक इच्छाशक्ति से काम कर रहे हैं। 50 हजार करोड़ रुपये वाली आयुष्मान भारत योजना हम इसी वजह से लागू कर पाए क्योंकि हमारे पास नेतृत्व भी था और सही कार्यक्रम भी। उन्होंने कहा कि मैं बिहार की बदलती तस्वीर देख रहा हूं। नीतीश जी के नेतृत्व में NDA गठबंधन में भाजपा और लोजपा सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे और विजयश्री प्राप्त करेंगे। लेकिन परिवर्तन के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को आगे आना होगा, बिहार की जनता हमें ताकत देगी।

जेपी नड्डा ने कहा कि पहले देश की राजनीति की संस्कृति थी कि लोगों को गुमराह करके वोट लो, फिर अपना मकसद पूरा करो। प्रधानमंत्री मोदी जी के आने के बाद गरीब, पीड़ित, वंचित, शोषित और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की चिंता की गई।उन्होंने कहा कि यहां की लीची का दुनिया में अपना स्थान है। अगर हम चाहते हैं लीची की वजह से यहां की तस्वीर बदले हैं, तो हमें बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, तकनीक, ह्यूमन रिसोर्स और डिमांड को सप्लाई देना जरूरी है। इसके लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज में 1 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। लीची की खेती के लिए अब इसकी लाइफ 32 दिन से ज्यादा हो गामा किरणों के माध्यम से इसके लिए प्रयास चल रहा है। लीची की उम्र बढ़ाने के लिए एक सेंटर मुजफ्फरपुर में बनाया गया है।