देश में कोरोना के कुल 29435 मामले

देश में पिछले 24 घंटे के दौरान 1543 लोगों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके साथ ही देश में कोरोना के कुल 29435 मामले हो गए। इनमें से 6184 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। सक्रिय मामलों की संख्या 21632 है। पिछले 24 घंटे में 684 रोगी ठीक हुए। लव अग्रवाल ने बताया देश में कोविड रिकवरी रेट करीब 23.3% हो गया है जो बेहद उत्साहजनक है। उन्होंने यह भी बताया कि कोविड-19 के मामले दोगुने होने की दर अब 10.2 दिन हो गया है।

लव अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना के कुल 29435 मामले हैं। कोविड-19के लिए प्‍लाज्‍मा थेरेपी के बारे में आईसीएमआर की ओर से पहले ही स्‍पष्‍ट रूप से कहा जा चुका है कि वर्तमान में कोविड-19 के लिए प्‍लाज्‍मा थेरेपी सहित कोई भी स्‍वीकृत थेरेपी नहीं है। यह उन अनेक थेरेपीज में से एक है, जिन पर इस समय प्रयोग किये जा रहे हैं। हालांकि अभी तक इसके उपचार होने के बारे में कोई प्रमाण मौजूद नहीं है। आईसीएमआर ने इस थेरेपी के प्रभाव का आकलन करने के लिए एक राष्‍ट्रीय अध्‍ययन भी आरंभ किया है। हालांकि यह स्‍पष्‍ट करने की जरूरत है कि जब तक आईसीएमआर का यह अध्‍ययन पूरा नहीं हो जाता और पुख्‍ता वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्‍ध नहीं हो जाते, शोध और परीक्षण के उद्देश्‍यों के अलावा इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। वास्‍तविकता तो यह है कि प्‍लाज्‍मा थेरेपी के उपयोग से जीवन को संकट में डालने वाली जटिलताएं भी हो सकती हैं।

आज तक देश में 17 ऐसे जिले ऐसे हैं, जहां पहले मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन पिछले 28 दिन से कोई नया मामला सामने नहीं आया है। कल से इस सूची में एक नए जिले का नाम भी जुड़ गया है (दो नए जिले जोड़े गए, जबकि एक जिले का नाम पिछली सूची से हटा दिया गया है)। जो जिले इस सूची में नए जोड़े गए हैं उनमें कालिम्पोंग (पश्चिम बंगाल) और वायनाड (केरल) शामिल हैं। इस सूची से हटाया गया जिला लखीसराय (बिहार) है।

गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि सूरत में प्रवासी मजदूरों के लिए NGO, प्रशासन और इंडस्ट्रीज़ ने मिलकर खाने के पैकेट्स और राशन किट्स का इंतजाम किया। IMCT ने प्रशासन को श्रमिकों को कोरोना की जानकारी उन्हीं की भाषा में देने का सुझाव दिया है। सूरत गई आईएमसीटी ने पाया कि प्रशासन ने बड़े पैमाने पर कोविड-19 जांच कराई है जिससे मरीजों का शुरुआत में ही पता चल सके। केंद्रीय टीम ने सूरत प्रशासन से भविष्य की कार्य योजना तैयार करने को कहा है।