नागरिकता बिल पर राज्यसभा में अमित शाह का जवाब

ये बिल कभी न लाना पड़ता, ये कभी संसद में न आता, अगर भारत का बंटवारा न हुआ होता। बंटवारे के बाद जो परिस्थितियां आईं, उनके समाधान के लिए मैं ये बिल आज लाया हूं। पिछली सरकारें समाधान लाईं होती तो भी ये बिल न लाना होता: अमित शाह

नेहरू-लियाकत समझौते के तहत दोनों पक्षों ने स्वीकृति दी कि अल्पसंख्यक समाज के लोगों को बहुसंख्यकों की तरह समानता दी जाएगी, उनके व्यवसाय, अभिव्यक्ति और पूजा करने की आजादी भी सुनिश्चित की जाएगी, ये वादा अल्पसंख्यकों के साथ किया : अमित शाह

लेकिन वहां लोगों को चुनाव लड़ने से भी रोका गया, उनकी संख्या लगातार कम होती रही। और यहां राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, चीफ जस्टिस जैसे कई उच्च पदों पर अल्पसंख्यक रहे। यहां अल्पसंख्यकों का संरक्षण हुआ: अमित शाह

मैं पहली बार नागरिकता के अंदर संशोधन लेकर नहीं आया हूं, कई बार हुआ है।
जब श्रीलंका के लोगों को नागरिकता दी तो उस समय बांग्लादेशियों को क्यों नहीं दी?
जब युगांड़ा से लोगों को नागरिकता दी तो बांग्लादेश और पाकिस्तान के लोगों को क्यों नहीं दी?: अमित शाह

आज नरेन्द्र मोदी जी जो बिल लाए हैं, उसमें निर्भीक होकर शरणार्थी कहेंगे कि हाँ हम शरणार्थी हैं, हमें नागरिकता दीजिए और सरकार नागरिकता देगी। जिन्होंने जख्म दिए वो ही आज पूछते हैं कि ये जख्म क्यों लगे: अमित शाह

जब इंदिरा जी ने 1971 में बांग्लादेश के शरणार्थियों को स्वीकारा, तब श्रीलंका के शरणार्थियों को क्यों नहीं स्वीकारा।
 
समस्याओं को उचित समय पर ही सुलझाया जाता है। इसे राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए: अमित शाह
अनुच्छेद 14 में जो समानता का अधिकार है वो ऐसे कानून बनाने से नहीं रोकता जो reasonable classification के आधार पर है: अमित शाह
यहां reasonable classification आज है। हम एक धर्म को ही नहीं ले रहे हैं, हम तीनों देशों के सभी अल्पसंख्यकों को ले रहे हैं और उन्हें ले रहे हैं जो धर्म के आधार पर प्रताड़ित है: अमित शाह
दो साथी संसद को डरा रहे हैं कि संसद के दायरे में सुप्रीम कोर्ट आ जाएगी। कोर्ट ओपन है। कोई भी व्यक्ति कोर्ट में जा सकता है। हमें इससे डरना नहीं चाहिए। हमारा काम अपने विवेक से कानून बनाना है, जो हमने किया है और ये कानून कोर्ट में भी सही पाया जाएगा: अमित शाह
कांग्रेस पार्टी अजीब प्रकार की पार्टी है। सत्ता में होती है तो अलग-अलग भूमिका में अलग-अलग सिद्धांत होते हैं।
 
हम तो 1950 से कहते हैं कि अनुच्छेद 370 नहीं होना चाहिए: अमित शाह
कपिल सिब्बल साहब कह रहे थे कि मुसलमान हमसे डरते हैं, हम तो नहीं कहते कि डरना चाहिए। डर होना ही नहीं चाहिए।
 
देश के गृह मंत्री पर सबका भरोसा होना चाहिए। ये बिल भारत में रहने वाले किसी भी मुसलमान भाई-बहनों को नुकसान पहुंचाने वाला नहीं है: अमित शाह
कांग्रेस के एक संकल्प को मैं पढ़ता हूं- “कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान के उन सभी गैर मुस्लिमों को पूर्ण सुरक्षा देने के लिए बाध्य है जो उनकी उनके जीवन और सम्मान की रक्षा के लिए सीमा के उस पार से भारत आए हैं, या आने वाले हैं।” आज आप अपने ही संकल्प को नहीं मान रहे हैं: अमित शाह
डॉ मनमोहन सिंह ने भी पहले इसी सदन में कहा था कि वहां के अल्पसंख्यकों को बांग्लादेश जैसे देशों में उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। अलग उनको हालात मजबूर करते हैं तो हमारा नैतिक दायित्व है कि उन अभागे लोगों को नागरिकता दी जाए: अमित शाह
शिवसेना पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- लोग सत्ता के लिए कैसे-कैसे रंग बदल लेते हैं। शिवसेना ने लोकसभा में इसका समर्थन किया तो फिर एक रात में ऐसा क्या हो गया जो आज विरोध में खड़े हैं।
पहले भी निश्चित समस्या के समाधान के लिए भारत सरकार ने नागरिकता के मामले पर निर्णय लिया है। इस बार भी तीन देशों में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार लोगों के लिए ही तीन देशों को शामिल किया गया है।
 
इसमें किसी के साथ भी भेदभाव नहीं किया गया है: अमित शाह
शिवसेना ने कल लोकसभा में इस बिल का समर्थन किया था। महाराष्ट्र की जनता जानना चाहती है कि रात में ही ऐसे क्या हुआ कि उन्होंने आज अपना स्टैंड बदल दिया?: अमित शाह
इतिहास तय करेगा कि 70 साल से लोगों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया था। इसको न्याय नरेन्द्र मोदी जी ने दिया, इतिहास इसको स्वर्ण अक्षरों से लिखेगा : अमित शाह
लाखों-करोड़ों लोग नर्क की यातना में जी रहे थे। क्योंकि वोट बैंक के लालच के अंदर आंखे अंधी हुई थी, कान बहरे हुए थे, उनकी चीखें नहीं सुनाई पड़ती थी। नरेन्द्र मोदी जी ने केवल और केवल पीड़ितों को न्याय करने के लिए ये बिल लेकर आए हैं: अमित शाह
इस बिल में मुसलमानों का कोई अधिकार नहीं जाता। ये नागरिकता देने का बिल है, नागरिकता लेने का बिल नहीं है। मैं सबसे कहना चाहता हूं कि भ्रामक प्रचार में मत आइए। इस बिल का भारत के मुसलमानों की नागरिकता से कोई संबंध नहीं है :अमित शाह
मुझे आइडिया ऑफ इंडिया की बात मत बताइए, मेरी सात पुश्तें यहीं पैदा हुई हैं, मैं विदेश से नहीं आया हूं. हम तो इसी देश में जन्में हैं यहीं मरेंगे: गृह मंत्री अमित शाह
कांग्रेस के नेताओं के बयान और पाकिस्तान के नेताओं के बयान कई बार घुलमिल जाते हैं। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कल जो बयान दिया और जो बयान आज सदन में कांग्रेस के नेताओंं ने दिए वे एक समान हैं: अमित शाह
आर्टिकल-370, एयरस्ट्राइक, कश्मीर और नागरिकता संशोधन विधेयक पर पाकिस्तान के नेताओं और कांग्रेस के नेताओं के बयान एक समान हैं। कांग्रेस के नेताओं के बयान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने यूएन में कोट किया: अमित शाह
अमित शाह ने कहा-पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश मुस्लिम राज्य हैं. वहां मुसलमानों का किसी प्रकार से धार्मिक प्रताड़ना हो, इसका अंदेशा कम ही है. हम इन तीन देशों के अल्पसंख्यकों को ले रहे हैं.
मैं जो बिल लेकर आया हूं वो किसी की भावना को आहत करने के लिए नहीं है। किसी भी धर्म समुदाय के लोगों को दुखी करने के लिए नहीं है: अमित शाह
2013-14 में कांग्रेस सरकार के अंतिम बजट में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए 3,500 करोड़ रुपये थे। नरेन्द्र मोदी जी की सरकार में 2019-20 में 4,700 करोड़ रुपये दिए गए। हमारे देश का राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति जैसे उच्च पदों पर अल्पसंख्यक आसीन हो सकता है: अमित शाह