पी. चिदंबरम ने कहा कि ये बिल आर्टिकल 14 की बातों का उल्लंघन करता है

पी. चिदंबरम ने कहा कि ये बिल आर्टिकल 14 की बातों का उल्लंघन करता है, जिसमें समानता का अधिकार शामिल है। इसमें जो कानूनी कमियां हैं, उसका जवाब कौन देगा और जिम्मेदारी कौन लेगा। अगर कानून मंत्रालय ने इस बिल की सलाह दी है तो गृह मंत्री को कागज रखने चाहिए, जिसने भी इस बिल की सलाह दी है उसे संसद में लाना चाहिए। आपने तीन देशों को ही क्यों चुना, बाकी को क्यों छोड़ा? आपने 6 धर्मों को ही क्यों चुना?सिर्फ ईसाई को क्यों शामिल कियाभूटान के ईसाई, श्रीलंका के हिंदुओं को क्यों बाहर रखा?

इसके पहले अमित शाह ने राज्यसभा  में बिल किया। अमित शान ने कहा कि जो अल्पसंख्यक धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत में आए, उन्हें यहां पर सुविधा नहीं मिली। पाकिस्तान में पहले 20 फीसदी अल्पसंख्यक थे, लेकिन आज 3 फीसदी ही बचे हैं। इस बिल के जरिए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को रियातत मिलेगी।