प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘परीक्षा पे चर्चा 2020’ कार्यक्रम में बोले एक परीक्षा पूरी जिंदगी नहीं, ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव

तालकटोरा स्टेडियम में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा 2020’ कार्यक्रम में छात्रों से बात की और उन्होंने छात्रों को टिप्स दिए। इस कार्यक्रम में पुरे देश के छात्रों ने भाग लिया। छात्रों ने पीएम मोदी से डाइरेक्ट सवाल किये और पीएम मोदी ने उसके जबाब दिए। इस कार्यक्रम के एक सवाल का जबाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा की टेक्नोलॉजी को अपना दोस्त मानें। उन्होंने कहा टेक्नोलॉजी के गुलाम न बने। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के लिए प्रकृति के अनुकूल समय खोजना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा 2020’ कार्यक्रम शुरू करते हुए सभी को नववर्ष 2020 की शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम हमारे सबसे ज्यादा दिल के करीब है। उन्होंने कहा कि युवा मन क्या सोचता है, क्या करना चाहता है, ये सब मैं भली-भांति समझ पाता हूं। उन्होंने कहा कि जैसे आपके माता-पिता के मन में 10वीं, 12वीं को लेकर टेंशन रहती है, तो मुझे लगा आपके माता-पिता का भी बोझ मुझे हल्का करना चाहिए। मैं भी आपके परिवार का सदस्य हूं, तो मैंने समझा कि मैं भी सामूहिक रूप से ये जिम्मेदारी निभाऊं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ज्यादातर बाहरी कारणों से मूड ऑफ़ होता है। उन्होंने कहा कि हम विफलताओं मैं भी सफलता की शिक्षा पा सकते हैं। हर प्रयास में हम उत्साह भर सकते हैं और किसी चीज में आप विफल हो गए तो उसका मतलब है कि अब आप सफलता की ओर चल पड़े हो। उन्होंने कहा कि जाने अनजाने में हम लोग उस दिशा में चल पड़े हैं जिसमें सफलता -विफलता का मुख्य बिंदु कुछ विशेष परीक्षाओं के मार्क्स बन गए हैं। उसके कारण मन भी उस बात पर रहता है कि बाकी सब बाद में करूंगा, एक बार मार्क्स ले आऊं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि सिर्फ परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं हैं। कोई एक परीक्षा पूरी जिंदगी नहीं है। ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। लेकिन यही सब कुछ है, ऐसा नहीं मानना चाहिए। मैं माता-पिता से भी आग्रह करूंगा कि बच्चों से ऐसी बातें न करें कि परीक्षा ही सब कुछ है। उन्होंने कहा कि 2020 सिर्फ नया वर्ष नहीं है, ये नया दशक भी है। ये दशक आपके लिए जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही देश के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस दशक में देश जो भी करेगा, उसमें इस समय 10वीं, 12वीं के विद्यार्थी हैं, उनका बहुत योगदान रहेगा।

टेक्नोलॉजी के प्रयोग के सवाल का जबाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने
कहा कि स्मार्ट फोन जितना समय आपका समय चोरी करता है, उसमें से 10 प्रतिशत कम करके आप अपने मां, बाप, दादा, दादी के साथ बिताएं। तकनीक हमें खींचकर ले जाए, उससे हमें बचकर रहना चाहिए। हमारे अंदर ये भावना होनी चाहिए कि मैं तकनीक को अपनी मर्जी से उपयोग करूंगा। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी घर से ही गूगल से बात करके ये जान लेती है कि उसकी ट्रेन समय पर है या नहीं। नई पीढ़ी वो है जो किसी और से पूछने के बजाए, तकनीक की मदद से जानकारी जुटा लेती है। इसका मतलब कि उसे तकनीक का उपयोग क्या होना चाहिए, ये पता लग गया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सवाल का जबाब देते हुए कहा कि क्या हम तय कर सकते हैं कि 2022 में जब आजदी के 75 वर्ष होंगे तो मैं और मेरा परिवार जो भी खरीदेंगे वो Make In India ही खरीदेंगे। मुझे बताइये ये कर्त्तव्य होगा या नहीं, इससे देश का भला होगा और देश की economy को ताकत मिलेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सवाल का जबाब देते हुए कहा कि मिशन चंद्रयान में आपका योगदान नहीं था, लेकिन आप ऐसे बैठे होंगे कि जैसे आपने ही ये किया हो। जब सफलता नहीं मिली तो आप भी डिमोटिवेट हुए। किसी चीज में आप विफल हो गए तो उसका मतलब है कि अब आप सफलता की ओर चल पड़े हैं। उन्होंने कहा कि मैं किसी परिजन पर कोई दवाब नहीं डालना चाहता, और न किसी बच्चे को बिगाड़ना चाहता हूं। जैसे स्टील के स्प्रिंग को ज्यादा खींचने पर वो तार बन जाता है, उसी तरह मां-बाप, अध्यापकों को भी सोचना चाहिए कि बच्चे कि क्षमता कितनी है।

उन्होंने कहा कि मां-बाप को मैं कहूंगा कि बच्चे बड़े हो गए हैं ये स्वीकार करें, लेकिन जब बच्चें 2-3 साल के थे और तब आपके अंदर उनको मदद करने की जो भावना थी उसे हमेशा जिंदा रखिए। बच्चों को उनकी रुचि के सही रास्ते में आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जितना ज्यादा आप बच्चे को प्रोत्साहित करोगे, उतना परिणाम ज्यादा मिलेगा और जितना दबाव डालोगे उतना ज्यादा समस्याओं को बल मिलेगा। अब ये मां-बाप और अध्यापकों को तय करना है कि उन्हें क्या चुनना है।

पढाई किस टाइम पर करनी चाहिए इस सवाल का जबाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारा दिनभर के कामों, थकावट, में दिन बीतता है तो दिमाग कुछ engage रहता है। क्या उस वक्त आपका दिमाग खाली होगा क्या? दिन भर की घटनाओं का एक्शन-रिएक्शन भी चलता होगा। उन्होंने आगे कहा कि संभव है कि सुबह उठकर आप पढ़ते हैं तो मन और दिमाग से पूरी तरह तंदुरुस्त होते होंगे। लेकिन हर किसी की अपनी विशेषता होती है, इसलिए आप सुबह या शाम जिस समय comfortable हों, उसी समय में पढ़ाई करो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सवाल का जबाब देते हुए कहा कि अगर आप बोझ लेकर परीक्षा हॉल में गए हैं तो सारे प्रयोग बेकार जाते हैं। आपको आत्म विश्वास लेकर जाना है। परीक्षा को कभी जिंदगी में बोझ नहीं बनने देना है। आत्मविश्वास बहुत बड़ी चीज है। साथ ही फोकस एक्टिविटी होनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमने डर के कारण आगे पैर नहीं रखे, इससे बुरी कोई अवस्था नहीं हो सकती। हमारी मनोस्थिति ऐसी होनी चाहिए कि हम किसी भी हालत में डगर आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे, ये मिजाज तो हर विद्यार्थी का होना चाहिए। विद्यार्थी कोई कालखंड के लिए नहीं होता। हमें जीवन भर अपने भीतर के विद्यार्थी को जीवित रखना चाहिए। जिंदगी जीने का यही उत्तम मार्ग है, नया-नया सीखना, नया-नया जानना चाहिए।