प्रधानमंत्री ने विदेशों में भारतीय राजदूतों से बात की

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कोविड-19 महामारी पर चर्चा के लिए आज सभी भारतीय दूतावासों और उच्‍च आयोगों के प्रमुखों के साथ वीडियो कांफ्रेंस की। प्रधानमंत्री ने विदेशों में भारतीय राजदूतों से बात की उन्‍होंने कहा कि असाधारण समय में असाधारण समाधानों की आवश्‍यकता होती है, इसलिए ज्‍यादातर विश्‍व ने खुद को क्‍वारैंटीन कर लिया है। मोदी ने कहा कि इस महामारी से निपटने के लिए ऐसा कदम आवश्‍यक था और इससे बचा नहीं जा सकता था। उन्‍होंने कहा कि वैश्विक प्रणाली को बंद करने से अंतर्राष्‍ट्रीय परिवहन प्रणाली, वित्‍तीय बाजारों और वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था पर अत्‍यधिक तथा दूरगामी प्रभाव हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने संकट के समय विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए उच्‍चायुक्‍तों के प्रयासों की सराहना की। उन्‍होंने वीडियो कांफ्रेंस में शामिल लोगों से आग्रह किया कि वे अपने स्‍वास्‍थ्‍य और सुरक्षा के लिए कदम उठायें तथा अपने परिवारों और अपनी टीम को सुरक्षित बनाएं। मोदी ने कहा कि अंतर्राष्‍ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंधों की अनिश्चितता के मद्देनजर विदेशों में रह रहे भारतीयों पर ध्‍यान दिया जाए। उन्‍होंने कहा कि वे सतर्क रहे और अपनी तैनाती से संबंधित देशों में श्रेष्‍ठ उपायों, नवाचारों और वैज्ञानिक खोज तथा चिकित्‍सा उपकरण की खरीद के स्रोतों की पहचान करें। पेइचिंग, वाशिंगटन डीसी, तेहरान, रोम, बर्लिन, काठमांडु, आबूधाबी, काबुल, माली और सिओल में राजदूतों ने प्रधानमंत्री को सहयोग का आश्‍वासन दिया।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के मुख्‍य वैज्ञानिक रमन गंगा खेडकर ने कहा कि अब तक 38 हजार से अधिक लोगों की जांच की गई हैं। उन्‍होंने कहा कि परिषद के नेटवर्क में 115 प्रयोगशालाएं जांच कर रही हैं और 47 निजी प्रयोगशालाओं को भी जांच की अनुमति दी गई है।