बीजेपी ने राजस्थान फोन टैपिंग कांड की जाँच सीबीआई से कराने की मांग की

राजस्थान में सियासी घमासान में कांग्रेस की और से कुछ फोन क्लिप्स के जरिये बीजेपी के केंद्रीय मंत्री पर खरीद फरोख्त का आरोप लगाए जाने के बाद आज बीजेपी ने राजस्थान फोन टैपिंग कांड की जाँच सीबीआई से कराने की मांग की बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राजस्थान के सियासी प्रकरण में फोन टैपिंग की सीबीआई जांच की मांग की।

बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सरकार से पूछा- कि क्या फ़ोन टैपिंग स्टैंडर्ड प्रोसेसर अपनाया गया ? क्या एसओपी फॉलो हुआ, फोन टेपिंग इत्यादि किया गया? क्या सभी राजनीतिक पार्टी के सभी लोगों के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जा रहा है? क्या राजस्थान में परोक्ष रूप से आपातकाल नहीं लगाया जा रहा? क्या कांग्रेस सरकार ने स्वयं को विपरीत परिस्थितियों में पाकर अपनी सरकार को येनकेन प्रकारेण बचाने के लिये कानून को ताक पर नहीं रखा ?

संबित पात्रा ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस का राजनीतिक ड्रामा हम देख रहे हैं। ये षड़यंत्र, झूठ फरेब और कानून को ताक पर रखकर कैसे काम किया जाता है, उसका मिश्रण है। वहां जो राजनीतिक नाटक खेला जा रहा है, वो यही मिश्रण है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की सरकार 2018 में बनी, अशोक गहलोत जी मुख्यमंत्री बनें, उसके बाद एक कोल्ड वॉर की स्थिति कांग्रेस पार्टी की सरकार में बनी रही। कल अशोक गहलोत जी ने स्वयं मीडिया के सामने आकर कहा है कि 18 महीने से मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के बीच में वार्तालाप नहीं हो रही थी।

इसके साथ ही बीजेपी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला सहित प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, महेश जोशी एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के OSD लोकेश शर्मा के खिलाफ के खिलाफ मानहानि की धाराओं में मामला दर्ज करने की मांग की। हालांकि कांग्रेस आरोपों से इंकार किया है। कांग्रेस का कहना है की यह ऑडिओ क्लिप्स उन्हें सोशल मीडिया से मिली हैं।

वसुंधरा ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए ट्विटर पर लिखा- कांग्रेस की आंतरिक कलह का नुकसान राज्य की जनता को उठाना पड़ रहा है । राजस्थान में जब कोरोना से 500 मौत हो गयी है और 28000 लोग पॉजिटिव हैं । ऐसे समय में जब हमारी महिलाओं के खिलाफ अपराध ने सीमाएं लांघ दी है । ऐसे समय में जब प्रदेश में बिजली व्यवस्था चरम पर है । कांग्रेस भाजपा और भाजपा नेतृत्व पर दोष लगाने का प्रयास कर रही है । सरकार के लिए सिर्फ और सिर्फ जनता का हित सर्वोपरि होना चाहिए । कभी तो जनता के बारे में सोचिये।

इस मामले में अब बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी कांग्रेस पार्टी को घेरा है। मायावती ने ट्वीट कर लिखा जैसाकि विदित है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन व बीएसपी के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब जग-जाहिर तौर पर फोन टेप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है।

उन्होंने आगे लिखा कि इस प्रकार, राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठा-पठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहाँ के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहाँ राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो।