मनरेगा में 40 हजार करोड देगी सरकार

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने जीडीपी के 10% के बराबर 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की। आर्थिक राहत पैकेज की पांचवी एवं अंतिम किस्त पर वित्त मंत्री की प्रेस वार्ता में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि रोजगार सृजन के लिए मनरेगा में 40 हजार करोड देगी सरकार उन्‍होंने कहा कि इससे लगभग तीन सौ करोड कार्य दिवस के रोजगार सृजन में सहायता मिलेगी।

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमन ने बताया कि ढांचागत सुधारों के तहत सात क्षेत्रों पर प्रमुखता से ध्‍यान केन्दित किया जाएगा। ये हैं – मनरेगा, शहरी तथा ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा, कारोबार, कंपनी अधिनियम को गैर आपराधिक बनाने, कारोबार सुगमता, सार्वजनिक क्षेत्र इकाइयों से संबंधित नीति, राज्‍य सरकार और उनसे संबंधित संसाधन। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजित करने के लिए मनरेगा 40 में हजार करोड देगी सरकार। वित्‍त मंत्री ने बताया कि सार्वजनिक व्‍यय में वृद्धि की जाएगी और ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में अरोग्‍य केंद्रों की संख्‍या बढाई जाएगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण ने मौजूदा तकनीक का इस्तेमाल किया और इसलिए नकदी का डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर कर पाए। 2,000 रुपये की एक बार नकदी ट्रांसफर 8.19 करोड़ किसानों तक पहुंची है और इसकी कुल लागत 16,394 करोड़ है। नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम जो वृद्ध, अपंग और विधवाओं के लिए शुरू किया गया था उसके तहत 2करोड़81लाख लाभार्थियों को 2,807करोड़ रुपए अब तक ट्रांसफर कर दिया गया है। इसमें कुल 3000 करोड़ ट्रांसफर करना था।

वित्त मंत्री ने कहा कि देश के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए माननीय प्रधानमंत्री ने 15000 करोड़ की योजना की घोषणा की थी जिसमें से 4113 करोड़ राज्यों को दे दिया गया है। आवश्क वस्तुओं पर 3750 करोड़ खर्च किया गया। टेस्टिंग लैब्स और किट्स पर 505 करोड़ खर्च किया गया। आज हमारे पास PPE के 300 से ज्यादा घरेलू निर्माता हैं, इस महामारी के आने से पहले हमारे पास PPE का 1 भी निर्माता नहीं था। हम पहले ही 51लाख PPE और 87 लाख N95 मास्क की आपूर्ति कर चुके हैं और 11.08करोड़ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट की आपूर्ति कर चुके हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि सभी जिलों में संक्रमण वाले रोगों के लिए सुविधाएं और एकीकृत सार्वजनिक चिकित्‍सा प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी तथा भविष्‍य में महामारी से निपटने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र के लिए निवेश में वृद्धि की जाएगी। उन्‍होंने बताया कि राष्‍ट्रीय डिजिटल स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के तहत राष्‍ट्रीय डिजिटल हेल्‍थ ब्‍लू प्रिंट लागू किया जाएगा। वित्‍त मंत्री ने बताया कि डिजिटल ऑनलाइन शिक्षा के लिए पीएम-ई-विद्या कार्यक्रम जल्‍द शुरू किया जाएगा। उन्‍होंने बताया कि पहली से 12वीं तक प्रत्‍येक कक्षा के लिए एक टेलिविजन चैनल शुरू किया जाएगा और रेडियो तथा सामुदायिक रेडियो का विस्‍तार किया जाएगा।

वित्‍त मंत्री ने बताया कि शीर्ष 100 विश्‍वविद्यालयों को स्‍वचालित रूप से ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति इसी महीने दे दी जाएगी। उन्‍होंने बताया कि विद्यार्थियों, शिक्षकों और उनके परिवार को मानसिक रूप से स्‍वस्‍थ रखने के लिए मनो‍वैज्ञानिक सहायता की शुरूआत की जाएगी। वित्‍त मंत्री ने बताया कि दिवाला कार्रवाई शुरू करने के लिए चूक की सीमा 1 लाख रुपये बढाकर 1 करोड रुपये कर दी गई है। इससे सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्योगों को लाभ होगा। उन्‍होंने बताया कि एक साल तक दिवाला संबंधी कोई नई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

सीतारमन ने बताया कि सरकार ने राज्‍यों के लिए कर्ज की सीमा सकल राज्‍य घरेलू उत्‍पाद के तीन प्रतिशत से बढाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है। इससे राज्‍यों के लिए संसाधन राशि बढकर 4 लाख 28 हजार करोड रुपये हो जाएगी। उन्‍होंने बताया कि अप्रैल के पहले सप्‍ताह में राज्‍य आपदा राहत कोष से 11 हजार करोड रुपये से अधिक की राशि अग्रिम रूप से जारी की गई है। स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने भी और 4 हजार 113 करोड रुपये कोविड-19 से निपटने के कार्यों के लिए दिए हैं।