मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा यात्रा हेतु बिजनौर एवं बलिया के लिए गंगा रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज मुख्यमंत्री आवास से बिजनौर एवं बलिया के लिए गंगा रथों को गंगा यात्रा के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा किपांच राज्यों की अपनी कुल 2525 कि.मी. की यात्रा में मां गंगा, 1140 कि.मी. की सर्वाधिक दूरी उत्तर प्रदेश में तय करती हैं इसलिए गंगा की निर्मलता और अविरलता हेतु उ.प्र. की जिम्मेदारी सर्वाधिक है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत उ.प्र. सरकार द्वारा आयोजित गंगा यात्रा, उ.प्र. में दो स्थानों से आरंभ हो रही है। पहली जहां से गंगा मइया उ.प्र. में प्रवेश करती हैं अर्थात बिजनौर से और दूसरी बलिया, जहां से गंगा मइया बिहार में प्रवेश करती हैं। उन्होंने कहा कि बिजनौर और बलिया से आरंभ होने वाली दोनों ही यात्राओं का समागम कानपुर में 31 जनवरी को होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा किपांच राज्यों की अपनी कुल 2525 कि.मी. की यात्रा में मां गंगा, 1140 कि.मी. की सर्वाधिक दूरी उत्तर प्रदेश में तय करती हैं इसलिए गंगा की निर्मलता और अविरलता हेतु उ.प्र. की जिम्मेदारी सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि कानपुर में 14 करोड़ लीटर सीवर सीसामऊ नाले में प्रतिदिन गिरता था। आज मुझे बहुत प्रसन्नता है कि ‘नमामि गंगे’ परियोजना में प्रदेश सरकार ने जो कार्य किया उसका परिणाम है कि आज एक बूंद सीवर भी गंगा मइया में नहीं गिर रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि मां गंगा हमारी आस्था और अर्थव्यवस्था दोनो हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से आज यहां गंगा यात्रा के रथों को उनके गंतव्यों तक भेजने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मां गंगा जी के किनारे स्थित 1038 ग्राम पंचायतों और 21 नगर निकायों में खेती या बागवानी के कार्य विशुद्ध रूप से ऑर्गेनिक ढंग से कराने का निश्चय किया गया है इसलिए गौ आधारित खेती के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कानपुर में किया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि मां गंगा भारत की नदी संस्कृति की प्रतीक हैं। गंगा तट पर सभ्यताएं विकसित हुई हैं। गंगा की पवित्र धारा के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए, मुझे इन रथों को रवाना करते हुए बहुत प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है।