मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘गंगा यात्रा’ के समापन समारोह में एक जनसभा को संबोधित किया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘गंगा यात्रा’ के समापन समारोह में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि माँ, माटी और मनुष्यता के महात्म्य को अभिनंदित करने का पुण्य प्रयास है ‘गंगा यात्रा’। आज ‘गंगा यात्रा’ का समापन नहीं बल्कि ‘गंगा युग’ का प्रारंभ है। गंगा आराधना हेतु आस्था और अर्थव्यवस्था के समवेत स्वरों में रचित नव गीत के निर्माण की भावभूमि है ‘गंगा यात्रा’।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजीविका एवं आराधना के संगम से आकांक्षाओं की पूर्ति मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती है। पुरुषार्थ चतुष्टय का आदि आधार “माँ गंगा” की प्रदक्षिणा, ‘गंगा यात्रा’ उसी मोक्ष मार्ग के अन्वेषण का एक पड़ाव है। किंतु आप सभी श्रद्धालुओं का प्रयास एक दिन गंतव्य तक अवश्य पहुंचेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने नदी संस्कृति को बचाने के लिए ‘नमामि गंगे’ का संदेश दिया। उनकी अपेक्षा थी कि गंगा जी के साथ हमारा समन्वय पुरुषार्थ चतुष्टय धर्म,अर्थ,काम मोक्ष के साथ जोड़ते हुए किसानों,नौजवानों और गंगा भक्तों को जोड़कर जनप्रतिनिधियों द्वारा अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि जब हम विघ्न बाधाओं का सामना कर आगे बढ़ते हैं तभी हमें सफलता प्राप्त होती है। गंगा यात्रा के पहले दिन मौसम खराब था लेकिन यात्रा आरंभ होते ही मौसम ठीक होता गया। यह माँ गंगा की कृपा है कि मौसम सुहावना हो गया है और आज हम माँ गंगा के प्रति अपना धन्यवाद ज्ञापित कर रहे हैं।