रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा MSP खत्म करने का इरादा न इस सरकार का कभी था न है और न आगे कभी होगा

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज ‘दीनदयाल स्मृति व्याख्यान’ में ‘आत्मनिर्भर भारत का संकल्प’ विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि दीनदयालजी ने जो राष्ट्रीय लक्ष्य स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद रखे थे उनकी प्रासंगिकता आज भी किसी दृष्टि से कम नही हुई है। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की पूर्ति में वे लक्ष्य महत्वपूर्ण हैं। दीनदयालजी का कहना था कि राजनीतिक स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने वाली व्यवस्था हो। भारत जैसा देश जिसके आस पड़ोस में लोगों का अपनी राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त करने में अक्सर बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है, वहां हमारे देश की यह सफलता हमारी बहुत बड़ी उपलब्धि है, जिस पर हमें गर्व होना चाहिए।

राजनाथ सिंह ने कहा कि एक सामान्य भारतीय, को भी सम्मान की जिंदगी जीने का मौका मिले, इसके लिए प्रधानमंत्री मोदीजी ने अनेक योजनाएं शुरू की है, जिनके कारण देश के गरीबों का बैंक में खाता हो, उनके घरों में गैस की सुविधा पहुंची हो,गांवों में बिजली की सुविधा, सड़क की सुविधा, अब इंटरनेट की सुविधा दी जा रही है। अब हमारे प्रधानमंत्री ने संकल्प लिया है कि 2022 तक यानि जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा तो देश के हर गरीब के सिर पर एक छत होगी। इस Economic Planning के लिए देश को इतना लम्बा इंतजार करना पड़ा। जबकि दीनदयालजी 1960 के दशक में यही बात कह रहे थे।

राजनाथ सिंह ने कहा कि जिस देश की आधी आबादी किसान हो, वहां कृषि की ऐसी उपेक्षा लम्बे समय तक हुई कि खेती करना अलाभकारी धंधा हो गया। निहित स्वार्थों के चलते इस देश की कृषि और किसानों को कभी वह जमीन दी ही नहीं गई, जहां इस देश का किसान भी अपनी मेहनत का पूरा फल प्राप्त कर सके। अब जाकर प्रधानमंत्री मोदीजी ने कुछ ऐसे कदम उठाए है जो इस देश के किसानों को उसकी उपज का बेहतर दाम हासिल करने में सहायक होंगे।
संसद के पिछले सत्र (मानसून सत्र) में दो कृषि विधेयक पारित हुए है, जिनके माध्यम से किसानों को अपनी उपज बेचने की सही मायनों में आजादी मिली है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि अब इस देश का किसान मंडी में अपनी मेहनत गिरवी रखने के लिए मजबूर नहीं है। इन दोनेां Farm Bills के पारित हो जाने के बाद देश का हर किसान पूरे देश में कही भी, जहां उसे बेहतर कीमत मिले, अपनी फसल बेचने के लिए आजाद होगा। इसी सप्ताह रबी की छह फसलेां की MSP की घोषणा की गई है, जिसमें लगभग डेढ़ गुने से दोगुने तक की MSP में वृद्धि की गर्इ है। MSP खत्म करने का इरादा न इस सरकार का कभी था, न है, और न आगे कभी होगा। दुष्प्रचार एवं गुमराह करके किसानों को भड़काने की यह कोशिश कती कामयाब नहीं होगी।

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के किसानों के कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता तो दीनदयाल उपाध्याय जी के जमाने से है। इस पथ से हमें कोई डिगा नहीं सकता।आजादी के बाद पहली बार अटलजी ने, देश के गांव, गरीब और किसान को अपनी नीतियों का केन्द्र बनाया था। अब मोदीजी उसी रास्ते पर और बड़े पैमाने पर काम कर रहे है। दीनदयालजी का मानना था कि सामरिक नीति के बिना अर्थ नीति विकलांग हो जाएगी। सुरक्षा या सामरिक नीतियों की उपेक्षा करके, कोई भी देश आत्मनिर्भर नहीं बन सकता। सामरिक नीति और आर्थिक नीति का सामंजस्य ही, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की पूर्ति कर सकता है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि दीनदयालजी के अनुसार पांचवा लक्ष्य है, आर्थिक स्वावलम्बन का जिसके भीतर से ‘आत्मनिर्भर भारत’ की प्रतिध्वनि निकलती है।
विचार था कि जो राष्ट्र आर्थिक दृष्टि से दूसरों पर निर्भर रहता है, उसका स्वाभिमान नष्ट हो जाता है। इसलिए हम आत्मनिर्भर भारत का निर्माण कर रहे हैं। पिछले दिनों मैंने 101 Defence Equipments की एक Negative List जारी की जिसके माध्यम से यह Policy Decision हो गया, कि यह सारे Equipments और Platforms भारत में अब आयात नहीं होंगे| सिर्फ एक निर्णय से एक साल में 52000 करोड़ रूपये की Manufacturing Opportunities पैदा हो गई है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि जो चीजें भारत में बनती है या आसानी से बन सकती है उन्हें विदेशों से Import करने का क्या औचित्य है? जब हम Local के लिए Vocal होंगे, तो हमें भारत में आसानी से बनने वाली चीजें तो मिलेगी ही, साथ ही इस प्रोत्साहन से वे चीजें भी भारत में बनने लगेंगी जो आज नहीं बन पाती हैं। जो दूसरा बड़ा Policy Announcement Defence Sector में हुआ है, वह है रक्षा के क्षेत्र में 74 फीसदी तक FDI को मंजूरी। इससे वविदेशों की Defence Companies के लिए भी ‘Make In India’ की राह आसान हो गई है। जल्द ही हम नई Defence Production & Procurement Policy भी लाने जा रहे है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में जन, मन और सारा तंत्र खुलेपन का प्रतीक है। आत्मनिर्भर भारत खुले मन से नए दरवाजे खोलने का नाम है। हमारे दरवाजे बंद नही हो रहे बल्कि और खुल रहे हैं बस बात इतनी है कि ‘Manufacturing हमारे घर पर ही करिये। हमारे लिए बनाना है तो इस देश में बनाइए। रक्षा के क्षेत्र में तो आत्मनिर्भरता बेहद जरूरी है। जो देश अपने रक्षा उपकरणों के लिए Imports पर निर्भर रहेगा वह सशक्त और स्वाभिमानी कभी नही हो सकेगा। इसलिए Defence Sector में आत्मनिर्भर होना हमारे देश के ‘स्वाभिमान’ और ‘सम्प्रभुता’ से जुड़ा हुआ है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का छठा लक्ष्य है, हर हाथ को काम देने वाली अर्थव्यवस्था का निर्माण करना। दीनदयालजी का मानना था, काम की भांति न्यूनतम वेतन, न्यायोचित प्राप्ति और उसका न्यायोचित वितरण भी सामाजिक हित के लिए आवश्यक होते है। इस देश में श्रमिकों के लिए कानूनों के इतने बड़े-बड़े जाल और जंजाल थे कि मजदूर को उसके अधिकारों की प्राप्ति लगभग असंभव हो गई थी। अब हमारी सरकार ने संसद में नए श्रम विधेयक को पारित करा कर देश में नए Labour Reforms की नींव रख दी है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी पूरा होगा, जब समाज के हर तबके, गरीब से गरीब तबके के लोगों में एक आत्मविश्वास का भाव पैदा होगा। यह आत्मविश्वास जगाने का काम हमारी सरकार और हमारे प्रधानमंत्री कर रहे है। भविष्य के भारत की नींव आत्मनिर्भर भारत की मजबूती पर निर्भर है। जंग के मैदान से लेकर खेत खलिहान तक भारत अपनी जरूरतों को पूरा करने की कूवत हासिल कर ले यही ‘आत्मनिर्भर भारत’ का हमारा संकल्प है और यही इस देश के सामने एकमात्र विकल्प भी है।