वित्त मंत्री ने कोयला क्षेत्र में 50000 करोड़ रुपये के निवेश का एलान किया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने जीडीपी के 10% के बराबर 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की। आर्थिक राहत पैकेज की चौथी किस्त पर वित्त मंत्री की प्रेस वार्ता में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि सुधारों को लेकर पीएम का बेहतरीन रिकॉर्ड रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि हमें कड़ी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयारी रहना चाहिए। जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो हम इसके अंदर नहीं देख रहे,यह अलगाववादी नीति नहीं है,इसमें भारत को अपनी ताकत पर भरोसा करना है, वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना है। वित्त मंत्री ने कोयला क्षेत्र में 50000 करोड़ रुपये के निवेश का एलान किया।

वित्त मंत्री ने कहा कि स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स पर सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों का ऐलान। वित्त मंत्री ने कहा कि दुनिया भारत पर भरोसा करती है। हमें अपने उत्पाद विश्वसनीय बनाने होंगे। न्यू चैंपियन सेक्टरों के संवर्धन के लिए प्रोत्साहन योजनाएँ शुरू की जाएंगी जैसे सोलर पीवी विनिर्माण, उन्नत सेल बैटरी भंडारण आदि क्षेत्रों में। उन्होंने कहा कि आज घोषित किए जा रहे संरचनात्मक सुधारों से उन क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ेगा जो विकास के नए क्षितिज हैं, नए निवेश को बढ़ावा देते हैं, उत्पादन को बढ़ावा देते हैं और रोजगार सृजन करते हैं।

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि हम आज 8 क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं – कोयला, खनिज रक्षा उत्पादन, हवाई क्षेत्र प्रबंधन, MROs बिजली वितरण कंपनियां, अंतरिक्ष क्षेत्र, परमाणु ऊर्जा। सरकार कोयला क्षेत्र में निर्धारित रुपये / टन व्यवस्था के बजाय राजस्व साझाकरण तंत्र द्वारा प्रतिस्पर्धा, पारदर्शिता और निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने की शुरुआत करेगी। उन्होंने कहा कि कोयला क्षेत्र में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि सरकार कोयला क्षेत्र में निर्धारित रुपये / टन व्यवस्था के बजाय राजस्व साझाकरण तंत्र द्वारा प्रतिस्पर्धा, पारदर्शिता और निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने की शुरुआत करेगी। 50,000 करोड़ रुपये का निवेश CIL (कोल इंडिया लिमिटेड) द्वारा 2023-24 तक कोयले के उत्पादन को 1 बिलियन टन तक पहुंचाने और निजी ब्लॉकों द्वारा कोयला उत्पादन के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि 500 खनन ब्लॉकों को एक खुली और पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से पेश किया जाएगा, एल्यूमिनियम उद्योग की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए बॉक्साइट और कोयला खनिज ब्लॉकों की एक संयुक्त नीलामी पेश की जाएगी।

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि डिफेंस उत्पान में मेक इन इंडिया पर जोर दिया जाएगा। आयात न किए जाने वाले उत्पादों की लिस्ट बनेगी। सेना को आधुनिक हथियारों की जरूरत है, उनका उत्पादन भारत में होगा। रक्षा उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ बिल्कुल अपरिहार्य है। सरकार ऐसे हथियारों एवं प्लेटफॉर्म की लिस्ट अधिसूचित करेगी, जिनके आयात को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। रक्षा निर्माण में ऑटोमेटिक रूट के अंतर्गत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49% से बढ़ाकर 74% की जा रही है।

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि इंडियन एयर स्पेस के उपयोग पर प्रतिबंध को कम किया जाएगा ताकि नागरिक उड़ान अधिक कुशल हो। इससे विमानन क्षेत्र को प्रति वर्ष 1000 करोड़ रुपये का कुल लाभ होगा। 8100 करोड़ रुपये की वायबिलिटी गैप फंडिंग स्कीम की मदद से सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा .