शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्‍ट्रीय शिक्षक पुरस्‍कार वितरित किये

शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राष्‍ट्रीय शिक्षक पुरस्‍कार वितरित किये। इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल भी मौजूद रहे। इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने मैं पुरस्कार विजेताओं को बधाई देता हूं और बच्चों को शिक्षित बनाने में उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं। मैं अपने देश में शिक्षक समुदाय के सभी सदस्यों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि शिक्षक दिवस के अवसर पर आप सभी शिक्षकों के साथ जुड़कर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। मैं राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुने गए सभी शिक्षकों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। आज सभी शिक्षकों की प्रतिबद्धता, समर्पण और उत्कृष्ट योगदान के प्रति हम अपना आभार व्यक्त करते हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आज पूरी दुनिया कोविड-19 की वैश्विक महामारी से जूझ रही है जिसने जन-जीवन को भारी क्षति पहुंचाई है। भारत सहित, दुनिया भर के अधिकांश देशों में स्कूल और कॉलेज बंद हैं या इससे प्रभावित है। ऐसे समय में शिक्षा प्रदान करने में डिजिटल टेक्नॉलॉजी की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कोविड-19 के कारण आये इस अचानक बदलाव के समय पारम्परिक शिक्षा के माध्यमों से हटकर डिजिटल माध्यम से पढ़ाने में सभी शिक्षक सहज नहीं हो पा रहे थे। लेकिन इतने कम समय में हमारे शिक्षकों ने डिजिटल माध्यम का उपयोग करके विद्यार्थियों से जुड़ने के लिए कड़ी मेहनत की है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि अच्छे भवन, महंगे उपकरण या सुविधाओं से स्कूल नहीं बनता बल्कि एक अच्छे स्कूल को बनाने में शिक्षकों की निष्ठा और समर्पण ही निर्णायक सिद्ध होते हैं। शिक्षक ही सच्चे राष्ट्र निर्माता हैं जो प्रबुद्ध नागरिकों का विकास करने के लिए चरित्र-निर्माण की नींव हमारे बेटे-बेटियों में डालते हैं। शिक्षक की वास्तविक सफलता है विद्यार्थी को अच्छा इंसान बनाना – जो तर्कसंगत विचार और कार्य करने में सक्षम हो, जिसमें करुणा और सहानुभूति, साहस और विवेक, रचनात्मकता, वैज्ञानिक चिंतन और नैतिक मूल्यों का समन्वय हो।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में किये जा रहे बुनियादी बदलावों के केंद्र में शिक्षक ही होने चाहिए। नयी शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षकों को सक्षम बनाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। इस नीति के अनुसार हर स्तर पर शिक्षण के पेशे में सबसे होनहार लोगों का चयन करने के प्रयास करने होंगे।

उन्होंने कहा कि हमें यह भी सुनिश्चित करना है कि डिजिटल माध्यम से पढ़ाई करने के साधन ग्रामीण, आदिवासी और दूरदराज के क्षेत्रों में भी हर वर्ग के हमारे बेटे-बेटियों को प्राप्त हो सकें। ऑनलाइन शिक्षण को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों को अभिभावकों के साथ भागीदारी करनी होगी ताकि वे बच्चों के साथ इस प्रक्रिया में सहयोगी बनें और उन्हें रुचि के साथ सीखने के लिए प्रेरित करें। यह महत्वपूर्ण है कि आप में से हर कोई डिजिटल तकनीकों का उपयोग करने के लिए अपने कौशल को अपग्रेड और अपडेट करें जिससे आपके शिक्षण की प्रभावशीलता और अधिक बढ़े।