सीएए मकसद भारत के लोगों को धार्मिक आधार पर बांटना है : सोनिया गाँधी

शनिवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुईजिसकी अध्यक्षता कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाधीं ने की इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे और कई अन्य नेता शामिल हुए।

बैठक में सोनिया गाँधी ने 2020 की सुरुवात ही अधिनायकवाद, धार्मिक और आर्थिक समस्याओं के साथ हुई है। सोनिया गाँधी ने सीएए को भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी कानून करार बताया। उन्होंने कहा का इस कानून का मकसद भारत के लोगों को धार्मिक आधार पर बांटना है। इसके अलावां सोनिया गाँधी ने सरकार को अर्थव्यस्था के मुद्दे पर भी घेरा।

सोनिया ने कहा कि जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और कुछ अन्य जगहों पर युवाओं और छात्रों पर हमले हो रहे हैं इन घटनाओं की जांच के लिए उच्च स्तरीय आयोग के गठन किया जाना चाहिए।

बतादें कि शुक्रवार को केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून 2019 लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. नोटिफिकेशन जारी करने के साथ ही 10 जनवरी 2020 से ही नागरिकता संशोधन कानून पूरे देश में लागू हो गया है.

बतादें कि देश में कई जगहों पर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है.इसके खिलाफ उत्तर प्रदेश , पश्चिम बंगाल असम समेत देश के कई दूसरे शहरों में हिंसा और आगजनी हुई थी. कई जगह प्रदर्शनकारियों ने रेलवे की संपत्तियों में तोड़फोड़ की, वाहनों में आग लगा दी और बड़े मार्गों को बाधित किया. उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई दूसरे राज्यों ने कहा है कि वह अपने राज्य में संशोधित नागरिकता कानून नहीं लागू होने देंगे