सकारात्मक विचार

सकारात्मक विचार

सकारात्मक विचार जीवन का आधारभूत मर्म है। इस मर्म में अनेक तथ्य सन्निहित हैं, जिनके प्रकटीकरण से जीवन सुरभित, सुगंधित एवं सौंदर्य से अभिमंडित हो जाता है। सकारात्मक विचार सौंदर्य का प्रतीक एवं पर्याय बन जाता है। यह जीवन को ऊर्जा से भर देता है। ऊर्जा से भरा हुआ जीवन अपने चरम पर विकसित होता है, अनेकों अनेक गुप्त एवं सुप्त आयाम खुलते हैं, जिनके कारण जीवन आशा, उत्साह, उमंग एवं उपलब्धियों से भर जाता…

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ध्यान की चिकित्सीय लाभ

ध्यान की चिकित्सीय लाभ

ध्यान शब्द की व्युत्पत्ति ‘ध्य” धातु से भाव में “लट” प्रत्यय लगाकर की जाती है। इसका अर्थ चिंतन अथवा इन्द्रियों की अंतः वृत्ति प्रवाह के रूप में किया जाता है। पतंजलि महाभाष्य की उक्ति के अनुसार, ध्यान को एकाग्रता से जोड़ा जाता है। ध्यान वह भाव दशा है . जिसमें एक ही वास्तु का ज्ञान होता है। ध्यान की दशा में ध्येय और ध्यान का भिन्न -भिन्न ज्ञान होता है, यह विशुद्ध रूप से एक…

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