आज ऑल इंडिया ट्रेड यूनियंस भारत बंद में किसने क्या कहा देखिये Live
वाराणसी में भी दिख रहा है। कई मजदूर संगठन सड़कों पर उतर आए हैं। वहीं जिला पुलिस और प्रशासन भी एलर्ट मोड में है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार, जिले में धारा 144 लागू है। इसलिए बगैर अनुमित के जुलूस निकालने और प्रदर्शन करने वाले कार्रवाई की जद में आएंगे।
बंगाल के कूच बिहार में भारत बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने एक सरकारी बस में तोड़फोड़ की
#WATCH West Bengal: A bus vandalised in Cooch Behar during the Bharat Bandh called by ten trade Unions against 'anti-worker policies of Central Govt' pic.twitter.com/Cc3ksWndL2
— ANI (@ANI) January 8, 2020
देश के अंदर जिस तरीक़े से केंद्र की भाजपा सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रों के लिए कर्मचारियों,मजदूरों व पीएसयू पर चोट मारी हैं वह कत्तई बर्दाश्त योग्य नहीं हैं।
निजीकरण के ख़िलाफ़त सहित अन्य 12 सूत्रीय मांगो को लेकर आज के बुलाए गए भारत बंद का समर्थन करता हूँ।#BharatBandh2020
— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) January 8, 2020
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा है कि वह ट्रेड यूनियन के द्वारा बुलाए गए भारत बंद का समर्थन करते हैं.
Maharashtra PWD Minister Ashok Chavan: State Government supports today's #BharatBandh call of different trade unions, Govt at the Centre is an anti-labour Govt pic.twitter.com/0PO1fJHHfv
— ANI (@ANI) January 8, 2020
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नै में दिखा भारत बंद का असर, माउंट रोड पर जुटे प्रदर्शनकारी।
Tamil Nadu: Protest underway on Mount road in Chennai. Ten trade unions have called for #BharatBandh today against 'anti-worker policies of Central Govt' pic.twitter.com/ifheq1x66Q
— ANI (@ANI) January 8, 2020
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘मोदी-शाह सरकार की जनविरोधी, श्रमिक विरोधी नीतियों ने भयावह बेरोजगारी पैदा की है और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को कमजोर किया जा रहा है, ताकि इन्हें मोदी के पूंजीपति मित्रों को बेचने को सही ठहराया जा सके।’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘आज 25 करोड़ कामगारों ने इसके विरोध में भारत बंद बुलाया है। मैं उन्हें सलाम करता हूं।’
The Modi-Shah Govt’s anti people, anti labour policies have created catastrophic unemployment & are weakening our PSUs to justify their sale to Modi’s crony capitalist friends.
Today, over 25 crore 🇮🇳workers have called for #BharatBandh2020 in protest.
I salute them.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 8, 2020
मुंबई: भारत पेट्रोलियम में विनिवेश के केंद्र सरकार के कदम के खिलाफ बीपीसीएल कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन
Mumbai: Bharat Petroleum Corporation Limited employees protest against Govt decision of strategic disinvestment of Bharat Petroleum pic.twitter.com/njOzme48KC
— ANI (@ANI) January 8, 2020
पश्चिम बंगाल: सिलिगुड़ी में उत्तर बंगाल सड़क परिवहन निगम के ड्राइवर ने बस चलाते समय पहना हेल्मेट
Siliguri: A North Bengal State Transport Corporation(NBSTC) bus driver wears a helmet in wake of protests during #BharatBandh called by ten trade unions against 'anti-worker policies of Central Govt' #WestBengal pic.twitter.com/ZCbe7uRq4m
— ANI (@ANI) January 8, 2020
पश्चिम बंगाल के 24 परगना में बंद समर्थकों ने ट्रेनें रोकीं
West Bengal: Protesters also block railway track in Kanchrapara,North 24 Parganas. Ten trade unions have called for #BharatBandh today against 'anti-worker policies of Central Govt' https://t.co/NkSTHTirXv pic.twitter.com/bbTf9Xydhh
— ANI (@ANI) January 8, 2020
कई बैंकों के कर्मचारी संगठन जैसे AIBEA, AIBOA, BEFI, INBEF, INBOC और बैंक कर्मचारी सेना महासंघ ने हड़ताल में शामिल हैं।
अपनी मांगो को लेकर आज ऑल इंडिया ट्रेड यूनियंस ने भारत बंद करने का एलान किया हैं। पुरे देश में इस बंद का असर देखने को मिलेगा। इस बंद में लगभग 25 लाख कर्मचारियों के के साथ किसानों और छात्र संगठन भी शामिल हो सकते हैं। पंजाब में किसानों ने दूध, सब्जी, फल आदि की सप्लाई रोकने को कहा है तो ऐसी के साथ मध्य प्रदेश में सेंट्रल बैंक ने भी बंद में शामिल होने की बात कही है। इस बंद से करोंडो के नुकसान के साथ सरकार की कई मुसीबतें बढ़ सकती हैं। क्योंकि उत्तर प्रदेश में आज होने वाली जेईई मेन 2020, यूपी टीईटी 2019 और आईसीएआर नेट 2020 प्रवेश परीक्षाएं भी होनी हैं जिस पर इस बंद का असर पड़ेगा।
इस भारत बंद में ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (आईएनटीयूसी), भारतीय व्यापार संघ ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर, हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), स्व-रोजगार महिला संघ, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन शामिल हैं। इसके अलावा (एलपीएफ), यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी), और ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर शामिल होंगे।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगे निम्न हैं
सभी कर्मचारियों को कमसेकम 21 हजार प्रति माह वेतन दिया जाय
स्थायी/ बाहर मासी कामों के लिए ठेका प्रथा बंद हो। ठेका / संविदा / आउटसोर्सिंग कर्मचारी, जो नियमित कर्मचारी का कार्य कर रहे हैं उन्हें नियमित किया जाए। जब तक उन्हें नियमित नहीं किया जाता नियमित कर्मचारियों के बराबर वेतन भत्ता दिया जाए।
बोनस और और प्रोविडेंट फंड की अदायगी पर से सभी बाध्यता सीमा हटायी जाए। ग्रेच्युटी का भुगतान 45 दिन प्रतिवर्ष के हिसाब से किया जाए।
सबके लिए पेंशन सुनिश्चित किया जाए। ईपीएफओ द्वारा सभी को एक हजार की जगह कम से कम दस हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाए।
केंद्रिय राज्य सरकार के कर्मचारियों की पुरानी पेंशन नीति को बहाल किया जाए। केंद्र व राज्य कर्मचारियों को एक समान वेतन व भत्ते दिए जाए।
रोजगार सृजन के लिए ठोस कदम उठाया जाए। केंद्र व राज्य सरकार के रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती किया जाए। नियमित प्रकृति के कार्यों में कार्यरत सभी उद्योग के संविदा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को नियमित किया जाए और कार्य के आधार पर आवश्यकतानुसार नई भर्ती की जाए, ताकि बेरोजगारी दूर हो। स्थाई प्रकृति के काम पर स्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए।
महंगाई पर रोक लगाने के लिए योजना बनाई जाए। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत किया जाए एवं खाद्य पदार्थों पर वायदा कारोबार पर रोक लगाई जाए।
श्रम कानून को सख्ती से लागू किया जाए। श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधनों को वापस किया जाए असंगठित क्षेत्र के लिए क्या मजदूरों के लिए क्षेत्र के मजदूरों के लिए सर्वव्यापी सर्वव्यापी सामाजिक सुरक्षा कानून बनाया जाए एवं राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा कोष का निर्माण किया जाए।