एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली
महाराष्ट्र में कई दिनों से जारी सियासी संकट का आज पटाक्षेप हो गया। शिवसेना की सरकार को गिराकर शिवसेना के ही बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ देवेंद्र फडणवीस ने मना करने के बाद भी पार्टी के निर्देश पर महाराष्ट्र के नए उप मुख्यमंत्री की सपथ ली। यह शपथ ग्रहण समारोह बहुत ही सादे तरीके से राजभवन में हुआ। इसमें बीजेपी के कई और भी नेता मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर बधाई दी। साथ ही उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस जी को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेने पर बधाई। वह हर भाजपा कार्यकर्ता के लिए प्रेरणा हैं। उनका अनुभव और विशेषज्ञता सरकार के लिए एक संपत्ति होगी। मुझे विश्वास है कि वह महाराष्ट्र के विकास पथ को और मजबूत करेंगे।
अमितशाह ने ट्वीट कर कहा कि एक नाथ शिंदे जी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री व देवेंद्र फडणवीस जी को उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर हार्दिक बधाई।
नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में ये नई सरकार महाराष्ट्र के विकास और जनता के हितों के लिए समर्पित भाव से कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा जी के कहने पर देवेंद्र फडणवीस जी ने बड़ा मन दिखाते हुए महाराष्ट्र राज्य और जनता के हित में सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया है। यह निर्णय महाराष्ट्र के प्रति उनकी सच्ची निष्ठा व सेवाभाव का परिचायक है। इसके लिए मैं उन्होंने हृदय से बधाई देता हूँ।
बतादें कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवेंद्र फडणवीस ने ऐलान किया कि वे सरकार में शामिल नहीं होंगे लेकिन बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि एकनाथ शिंदे जी और देवेंद्र फडणवीस जी को बधाई। आज ये सिद्ध हो गया कि BJP के मन में कभी मुख्यमंत्री पद की लालसा नहीं थी। 2019 के चुनाव में स्पष्ट जनादेश मा. नरेंद्र मोदी जी एवं देवेंद्र जी को मिला था। उद्धव ठाकरे ने CM पद के लालच में हमारा साथ छोड़कर विपक्ष के साथ सरकार बनाई थी।
बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा के कहने के बाद उन्होंने उप मुख्यमंत्री का पद स्वीकार किया। जिसके बाद बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि भाजपा ने महाराष्ट्र की जनता की भलाई के लिए बड़े मन का परिचय देते हुए एकनाथ शिंदे जी का समर्थन करने का निर्णय किया। देवेन्द्र फडणवीस जी ने भी बड़े मन दिखाते हुए मंत्रिमंडल में शामिल होने का निर्णय किया है, जो महाराष्ट्र की जनता के प्रति उनके लगाव को दर्शाता है। भाजपा ने ये निर्णय लेकर एक बार फिर साबित कर दिया है कि कोई पद पाना हमारा उद्देश्य नहीं है अपितु नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश और महाराष्ट्र की जनता की सेवा करना हमारा परम लक्ष्य है।
आइए जानते हैं एकनाथ शिंदे के बारे में। जिन्होंने महाराष्ट्र की राजनीती को पलट कर रख दिया। उद्धव ठाकरे के राइट हैण्ड और शिवसेना के नंबर 2 नेता एकनाथ शिंदे जिन्हे 2019 विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना विधायक दल का नेता चुना गया। उस समय एक नाथ सिंधे मुख्यमंत्री पद के प्रवल दावेदार थे। लेकिन उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें शहरी विकास मंत्री के पद से ही संतोष करना पड़ा।
एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सातारा के रहनेवाले हैं। उन्होंने अपनी पढाई ठाणे से की और अपने शुरुवाती समय में वे ऑटो रिक्शा चलाते थे। उसी दौरान उनकी मुलाकात शिवसेना नेता आनंद दिघे से हुई। महज 18 साल की उम्र में आनंद दिघे के मार्गदर्शन में एक नाथ शिंदे ने अपना राजनीतिक कैरियर की शुरुवात की। एक नाथ शिंदे ठाणे के बड़े नेता आनंद दिघे को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं।
एकनाथ शिंदे ने 1997 में पहली बार ठाणे नगर निगम में पार्षद पद का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उसके बाद 2001 में वह नगर निगम सदन में विपक्ष के नेता बने। शिंदे ने शिवसेना के टिकट पर 2004 का विधानसभा चुनाव लड़े और जीत हासिल की उसके बाद शिंदे ने 2009, 2014 और 2019 के चुनावों में भी शिंदे ने जीत दर्ज की। इसके साथ हीशिंदे देवेंद्र फडणवीस की सरकार में राज्य के लोक निर्माण मंत्री भी रहे।