कोटा में 100 बच्चों की मौत को लेकर गहलोत सरकार ने हाईलेवल कमेटी गठित, गहलोत बोले- CAA से ध्‍यान हटाने को उठा रहे मुद्दा

राजस्थान के कोटा में एक महीने में 100 बच्चों की मौत हो गई जिसके बाद राजस्थान में राजनीती गरमा गई लेकिन बच्चों के मरने का सिलसिला नहीं थम रहा है. मौत का आंकड़ा अबतक 104 पर पहुंच चूका है. राजस्थान के स्वास्थ मंत्री रघु शर्मा आज कोटा पहुंच रहे हैं.लेकिन उन्होंने कहा की यह पहली बार बच्चों की मौत नहीं हुई है मुवाबजा के बात पर उनहोने बात को टाल दिया इसके अलावां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा की केंद्र सरकार CAA से ध्यान हटाने के लिए बच्चों की मौत का मुद्दा उठा रही है इसके साथ ही उन्होंने कहा की बच्चों के मौत की जाँच के लिए एक कमिटी का गठन की गया हैंजो इसकी जाँच करेगी इसके साथ केंद्र की हाई लेवल टीम भी कोटा जाएगी. कोटा में मौत का आंकड़ा नया नहीं है. 2014 में 15719 बच्चे भर्ती हुए, जिसमें 1198 बच्चों को बचाया नहीं जा सका. अगले साल यानी 2015 में 17579 बच्चे भर्ती हुए जिसमें 1260 बच्चों की मौत हुई. साल 2018, 2019 में भी यही सिलसिला चला. नेताओं को स्वास्थ की कोई चिंता नहीं है सभी राजनीती कर रहे हैं पूरे देश के सरकारी अस्पतालों की हालत काफी ख़राब है

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने बताया कि उन्होंने इस बारे में राजस्थान के मुख्यमंत्री से बात की है. उनके मुताबिक, केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार को बच्चों के इलाज में हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बाल रोग विशेषज्ञ की एक टीम को भी राजस्थान के लिए रवाना किया गया है, ताकि वहां बच्चों की मौत रोकी जा सके.

डॉ. हर्ष वर्धन ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बताया कि जे.के. लोन हॉस्पिटल को वित्त वर्ष 2019-20 में अग्रिम राशि के तौर पर पर 91 लाख रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं. यह राशि नेशनल हेल्थ मिशन के तहत दी गई है. वहीं कोटा जिले की बात करें तो वित्त वर्ष 2019 -20 के लिए इस जिले को 27 करोड़ 45 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं.

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