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“गंगा यात्रा” गंगा की स्वच्छता के बारे में जागरूकता के लिए निकली गई है : सीएम योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज नमामि गंगे योजना के तहत “गंगा यात्रा” का शुभारम्भ किया योगी आदित्यनाथ ने बिजनौर बैराज पर गंगा पूजन कर यात्रा की सुरुवात की। इसके अलावां उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बलिया के गोपालपुर गंगा घाट पर पूजन कर वंहा से गंगा यात्रा की शुरआत की।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “गंगा यात्रा” को रवाना करने के बाद लगातार कई ट्वीट कर “गंगा यात्रा” के महत्व को बताया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर लिखा हमारी आस्था व अर्थव्यवस्था ‘माँ गंगा’ से आमजन के साक्षात्कार का एक प्रयास है, बिजनौर और बलिया से आरंभ “गंगा यात्रा”। गंगा स्वच्छता पर जागरूकता व उसके तटों पर जैविक खेती को प्रोत्साहित करने जैसे उद्देश्यों के साथ निकली “गंगा यात्रा”,अर्थ गंगा का एक प्राकट्य है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे लिखा कि “गंगा यात्रा” में प्रतिभाग कर रहे “तीर्थयात्री” गंगा की स्वच्छता हेतु आमजन को जागरूक करने के साथ गंगा किनारे के गांवों में जैविक खेती को प्रोत्साहित भी करेंगे। स्थानीय लोगों में माँ गंगा के प्रति दायित्वबोध जाग्रत कर उनके महात्म्य से अवगत भी करायेंगे। उन्होंने आगे लिखा गंगा बेसिन में केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं अपितु पूरे विश्व का पेट भर सकने की क्षमता है। गंगा किनारे के गांवों में जैविक खेती से फसल उगाई जाएगी और विपणन करके उस फसल को विश्व भर के बाजारों में पहुंचाया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे लिखा कि किसी व्यक्ति या पशु के शव को गंगा जी में बहा देने से मुक्ति नहीं मिलने वाली,इससे नदी प्रदूषित होती है।
हमें गंगा को हर हाल में स्वच्छ और अविरल रखना है।आप भी यदि गंगा को अपनी माँ मानते हैं तो अपना दायित्व निभाएं। माँ गंगा की निर्मलता के लिए स्वयं को तैयार करें। उन्होंने आग लिखा कि महाराजा दुष्यंत, परम प्रतापी सम्राट भरत, महात्मा महर्षि कण्व और देश के प्रथम अभियंता राजा ज्वाला प्रसाद जी की साधना भूमि, जन्मभूमि और उ.प्र. में माँ गंगा की आगमन भूमि, बिजनौर की इस धरती को मै कोटि-कोटि प्रणाम करता हूं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे लिखा कि आप इतनी भीषण शीतलहर में पिछले तीन-चार घंटों से यहां पर हैं यह माँ गंगा के प्रति हमारे दायित्वों को प्रदर्शित करता है। आपका उत्साह और उमंग माँ गंगा के प्रति आपकी कृतज्ञता ज्ञापित करता है। उन्होंने लिखा कि पतित पावनी गंगा, देवनदी के रूप में पूजित हैं। अपने उद्भव से अनवरत प्रवाहमान माँ गंगा अपनी निरंतर यात्रा में प्रदेश के सबसे बड़े भूभाग को अहर्निश अभिसिंचित कर रही हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे लिखा कि गाय, गंगा और गांव हमारी संस्कृति के आधार हैं। समृद्धि, सहकार और सद्भाव के वाहक हैं। “आस्था और अर्थ” के पथ पर बिजनौर और बलिया से आरंभ “गंगा यात्रा” इन तीनों के उन्नयन हेतु आमजन को जागरूक और सहभागी बनाने का एक युगांतकारी प्रयास है।
उन्होंने लिखा कि वात्सल्य की शाश्वत प्रतीक माँ भागीरथी, सभ्यता प्रसूता होने के साथ आनादिकाल से अर्थोपार्जन का अक्षत माध्यम भी हैं। माँ गंगे के तट कृषि व अनेक कृषियेत्तर कार्यों की उद्गमस्थली हैं। जीवनरेखा के विविध रूपों से आमजन का संवाद कराती “गंगा यात्रा” आज प्रारम्भ हो गई है।मुझे प्रसन्नता है कि सभी लोगों ने मिलकर जिस विश्वास के साथ गंगा यात्रा के कार्यक्रम को बढ़ाया है उसी विश्वास के साथ सभी परम्पराएं आगे बढ़नी चाहिए