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पूरे देश में मनाया जा रहा ईद-उल-अजहा का त्यौहार जाने क्यों मनाते हैं इसे
पूरे देश में मनाया जा रहा ईद-उल-अजहा का त्यौहार जाने क्यों मनाते हैं इसे . ईद-उल-अजहा (बकरीद ) का त्यौहार आज हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है।इस पावन मौके देश के सभी मस्जिदों में लोगों ने नमाज अदा कर रहे हैं। ईद-उल-अजहा (बकरीद ) के त्यौहार को ‘बलिदान का त्योहार’ भी कहा जाता है। इस पर्व को धू उल-हिज्जाह के 10वें दिन मनाया जाता है, जो इस्लामी या चंद्र कैलेंडर का बारहवा महीना होता है। यह वार्षिक हज यात्रा के अंत का प्रतीक है. हर साल, तारीख बदलती है क्योंकि यह इस्लामिक कैलेंडर पर आधारित है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को इसकी शुभकामना दी है
Eid Mubarak! Greetings on Eid-ul-Adha. May this festival inspire us to work towards furthering the spirit of collective well-being and prosperity for the good of humankind.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 10, 2022
ईद उल-अज़हा के अवसर पर लोगों ने जामा मस्जिद पर नमाज अदा की।
#WATCH दिल्ली: ईद उल-अज़हा के अवसर पर लोगों ने जामा मस्जिद पर नमाज अदा की। #EidAlAdha pic.twitter.com/xFeotLzHhK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 10, 2022
ईद-उल-अजहा (बकरीद ) को मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी धूम धाम से मनाते हैं। आज के दिन सभी एक दूसरे से के साथ खुशियां बांटते हैं। भारत में, मुसलमान समुदाय के लोग नए कपड़े पहनते हैं। इसके साथ ही वे मस्जिदों में जाकर खुले स्थानों में नमाज ऐडा करते हैं। कुछ लोग भेड़ या बकरी की बलि भी देते हैं। बकरीद के आने पर बकरों की कीमते बढ़ जाती हैं। बली देने के बाद बकरे की मांस से कई प्रकार के व्यंजन जैसे मटन बिरयानी, गोश्त हलीम, शमी कबाब और मटन कोरमा आदि बनाते हैं। और एक दूसरों के साथ मिलबांट कर खाते हैं। कुछ लोग इसे गरीबों में भी बांटते है। इसके साथ ही बहुत सारे लोग आज के दिन जकात के रूप में अपनी कमाई का एक हिस्सा गरीबों और जरुरत मंदों में बह दान करते हैं।
ईद उल-अज़हा के मौके पर लोगों ने मरकज़ जमात-ए-इस्लामी हिंद शाहीन बाग में नमाज अदा की।
दिल्ली: ईद उल-अज़हा के मौके पर लोगों ने मरकज़ जमात-ए-इस्लामी हिंद शाहीन बाग में नमाज अदा की।#EidAlAdha pic.twitter.com/DNX0CY0JeN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 10, 2022
पूरे देश में मनाया जा रहा ईद-उल-अजहा का त्यौहार जाने क्यों मनाते हैं इसे
बतादें कि इस्लाम धर्म के जानकारों के अनुसार, ये ईद हजरत मोहम्मद के पूर्वज हजरत इब्राहिम की क़ुर्बानी को याद करने के लिए मनाई जाती है. मुसलमानों का विश्वास है कि अल्लाह ने इब्राहिम की भक्ति की परीक्षा लेने के लिए अपनी सबसे प्यारी चीज़ की क़ुर्बानी मांगी. इब्राहिम ने अपने जवान बेटे इस्माइल को अल्लाह की राह में क़ुर्बान करने का फ़ैसला कर लिया . लेकिन वो जैसे ही अपने बेटे को क़ुर्बान करने वाले थे अल्लाह ने उनकी जगह एक दुंबे को रख दिया. अल्लाह केवल उनकी परीक्षा ले रहे थे.
दुनिया भर में मुसलमान इसी परंपरा को याद करते हुए ईद-उज़-ज़ोहा या ईद-उल-अज़हा मनाते हैं. इस दिन किसी जानवर (जानवर कैसा होगा इसकी भी ख़ास शर्ते हैं) की क़ुर्बानी दी जाती है. इसीलिए भारत में इसे बक़रीद भी कहा जाता है
ईद उल-अज़हा के मौके पर श्रीनगर की पलपोरा मस्जिद में लोगों ने नमाज अदा की।
जम्मू-कश्मीर: ईद उल-अज़हा के मौके पर श्रीनगर की पलपोरा मस्जिद में लोगों ने नमाज अदा की।#EidAlAdha pic.twitter.com/UMGCDNtByH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 10, 2022
ईद उल-अज़हा के अवसर पर लोगों ने फतेहपुरी मस्जिद में नमाज अदा की।
#WATCH दिल्ली: ईद उल-अज़हा के अवसर पर लोगों ने फतेहपुरी मस्जिद में नमाज अदा की। #EidAlAdha pic.twitter.com/KFtm1276f0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 10, 2022