प्रधानमंत्री ने तूफान ‘निसारगा’ से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के पश्चिमी तटीय हिस्सों में तूफान की स्थिति के मद्देनजर स्थिति का जायजा लिया और लोगों से आग्रह किया कि वे हर संभव ऐहतियात और सुरक्षा उपाय बरतें। प्रधानमंत्री ने कहा “भारत के पश्चिमी तटीय हिस्सों में तूफान की स्थिति के मद्देनजर स्थिति का जायजा लिया। सभी के कल्याण के लिए प्रार्थना करता हूं। मेरा लोगों से आग्रह है कि वे हरसंभव ऐहतियात और सुरक्षा उपाय अपनाएं।”
बतादें कि भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बताया है कि भीषण चक्रवाती तूफान के 3 जून की दोपहर/शाम तक महाराष्ट्र के तट से टकराने की आशंका है। राज्य के तटीय जिलों में तेज हवाएं 100-110 किमी प्रति घंटे की तेज रफ्तार से चलने तथा फिर इसके और भी उग्र रूप लेकर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की आशंका है। इसके साथ ही इन जिलों में भारी वर्षा होने और 1-2 मीटर ऊंची लहरें उठने का अंदेशा है।
चक्रवाती तूफान का व्यापक असर महाराष्ट्र के तटीय जिलों रायगढ़, मुंबई, ठाणे एवं पालघर के साथ-साथ गुजरात के वलसाड, नवसारी, सूरत, भावनगर तथा भरूच जिलों और दमन, दादरा और नागर हवेली पर भी पड़ने की आशंका है।
प्रधानमंत्री के अलावां कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने चक्रवाती तूफान ‘निसारगा’ से निपटने के लिए राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की।
राज्य सरकारों के अधिकारियों ने एनसीएमसी को अपने द्वारा किए गए विभिन्न प्रारंभिक उपायों से अवगत कराया। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि आवश्यक वस्तुओं के पर्याप्त स्टॉक उनके पास उपलब्ध हैं और सभी आपातकालीन सेवाओं के लिए पूरी तैयारी है। उन्होंने बताया कि दूरसंचार विभाग द्वारा प्रदान की जा रही थोक एसएमएस सुविधा का उपयोग चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने वाले निवासियों को आगाह करने के लिए किया जा रहा है और इसके साथ ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
एनडीआरएफ ने इन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश में 40 टीमों को तैनात किया है और अतिरिक्त टीमों को भी हवाई मार्ग से वहां पहुंचाया जा रहा है। सेना एवं नौसेना के बचाव व राहत दलों के साथ-साथ नौसेना एवं वायु सेना के जहाजों और विमानों की भी अतिरिक्त आपात व्यवस्था की गई है। तटरक्षक बल के जहाज पहले से ही समुद्र में मछुआरों को बचाने में जुटे हुए हैं।
राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कैबिनेट सचिव ने निर्देश दिया कि चक्रवाती तूफान के मार्ग में पड़ने वाले निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएं और इसके साथ ही समुद्र से सभी मछुआरों की वापसी सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के लिए भी विशेष प्रयास किए जा सकते हैं कि कोविड रोगियों के लिए आवश्यक चिकित्सा सेवाएं बाधित न हों। इन एजेंसियां को बिजली, दूरसंचार, परमाणु, रासायनिक, विमानन और शिपिंग संबंधी बुनियादी ढांचे और परिसंपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आकस्मिक योजनाओं को सक्रिय करने के लिए भी निर्देश दिया गया।
साथ में किसी भी प्रकार की परिस्थिति से निपटने के लिए निपटने के लिए कमर कसी
मुंबई में, नौसेना की पश्चिमी कमान पूरे मानसून सीजन के दौरान अपनी पांच बाढ़ बचाव टीमों और तीन गोताखोर टीमों के साथ किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेगा। ये दल आपदा की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने के लिए शहर के विभिन्न नौसेना क्षेत्रो में तैनात किए गए हैं। ये राहत और बचाव के लिए जरूरी सभी उपकरणों से सुसज्जित हैं और बचाव कार्यों में इन्हें पूरी तरह से प्रशिक्षित किया गया है। बाढ़ संभावित क्षेत्रों की पहचान की जा रही है और सभी आवश्यक तैयारियां चल रही हैं।
इसी तरह की व्यवस्था करवार, गोवा और गुजरात में दमन और दीव में भी नौसेना की तैनाती वाले क्षेत्रों में की गई है। इसके अलावा, मुंबई, गोवा और पोरबंदर के विभिन्न नौसेनिक अड्डों पर नौसेना के डोर्नियर विमान और हेलीकॉप्टर बाढ़ से बचाव के लिए दुर्गम स्थानों में बचाव टीमों को ले जाने तथा फंसे लोगों को निकालने के लिए तैयार खड़े हैं। संबंधित क्षेत्र के स्टेशन कमांडर राज्य अधिकारियों, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के संपर्क में हैं और कम से कम समय में संकट की स्थिति से निपटने में सक्षम हैं।
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