मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि इस देश के अल्पसंख्यकों, मुसलमानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है : अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि इस सदन के सामने एक ऐतिहासिक बिल लेकर आया हूं, इस बिल के जो प्रावधान हैं उससे लाखों-करोड़ों लोगों को फायदा होगा. अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यक रहते थे, उनके अधिकारों की सुरक्षा नहीं होती थी उन्हें वहां समानता का अधिकार नहीं मिला. जो अल्पसंख्यक धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत में आए, उन्हें यहां पर सुविधा नहीं मिली. पाकिस्तान में पहले 20 फीसदी अल्पसंख्यक थे, लेकिन आज 3 फीसदी ही बचे हैं. बिल के जरिए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को रियातत मिलेगी. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- नागरिकता संशोधन बिल को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है, भारत के मुसलमान नागरिक हैं और रहेंगे. इस बिल के बारे में भ्रांति फैलाई जा रही है। कहा जा रहा है कि यह बिल मुसलमानों के खिलाफ है। इस देश के मुसलमानों के लिए चिंता की कोई बात नहीं है। वे नागरिक थे, हैं और रहेंगे. मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि इस देश के अल्पसंख्यकों, मुसलमानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। कोई डराए तो डरिये मत, यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, जो संविधान की भावना के साथ चल रही है. विभाजन के बाद हमारी कल्पना थी कि जो नागरिक यहां अल्पसंख्यक रहते हैं और जो पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक हैं वो सम्मान के साथ जीवन जी पाएंगे, अपने धर्म का सम्मान के साथ पालन कर पाएंगे, अपने परिवार का सम्मान से रक्षण कर पाएंगे. पाकिस्तान और उस समय के पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में लगभग 20- 20% अल्पसंख्यकों की आबादी कम हो चुकी हैl आखिर कहां गए वो लोग, या तो वो मार दिए गए या धर्म परिवर्तन हो गया या वो लोग शरणार्थी बनकर अपने धर्म और सम्मान को बचाने के लिए भारत आ गए. जो लोग कह रहे हैं कि हम वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं, मैं उन सब साथियों को कहना चाहता हूं कि हमने चुनाव के पहले ही ये इरादा देश के सामने रखा था, जिसे देश की जनता ने समर्थन दिया है. इस बिल में हम तीनों पड़ोसी देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों को संरक्षण देकर उनको नागरिक बनाने की प्रक्रिया का संशोधन लेकर आये हैंl साथ ही पूर्वोत्तर के राज्यों के अधिकारों को संरक्षित करने के लिए भी हम प्रावधान लेकर आये हैं