योगी आदित्यनाथ ने डेंगू की रोकथाम हेतु प्रयासों को और तेज करने के निर्देश दिए
योगी आदित्यनाथ ने डेंगू की रोकथाम हेतु प्रयासों को और तेज करने के निर्देश दिए. उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे डेंगू के मरीजों की संख्या और बचाव को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने आवास पर एक हाई लेबल मीटिंग बुलाई। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारीयों को हर जिले में कोविड की तरह ही डेंगू के लिए भी डेडिकेटेड हॉस्पिटल की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए । इन अस्पतालों में चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए । इसके साथ ही बेहतर सर्विलांस केसाथ घर-घर स्क्रीनिंग कराने और अस्पताल आने वाले मरीजों को हर स्तर पर इलाज की सुविधा देने के निर्देश दिए।
योगी आदित्यनाथ ने डेंगू की रोकथाम हेतु प्रयासों को और तेज करने के निर्देश दिए. इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में डेंगू व अन्य संचारी रोगों के दुष्प्रभाव में बढ़ोतरी को देखते हुए स्क्रीनिंग के लिए सर्विलांस को बेहतर किया जाए। आशा बहनों का सहयोग लिया जाए। घर-घर स्क्रीनिंग कराई जाए। लक्षणयुक्त मरीजों की पहचान करते हुए उनके समुचित इलाज की व्यवस्था कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू व अन्य संचारी रोगों के दुष्प्रभाव में बढ़ोतरी को देखते हुए स्क्रीनिंग हेतु सर्विलांस को बेहतर किया जाए। आशा बहनों का सहयोग लिया जाए। घर-घर स्क्रीनिंग कराई जाए। लक्षणयुक्त मरीजों की पहचान करते हुए उनके समुचित इलाज की व्यवस्था कराई जाए। डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल की भांति डेडिकेटेड डेंगू अस्पताल एक्टिव किए जाएं। हर जनपद में न्यूनतम एक डेडिकेटेड अस्पताल जरूर क्रियाशील हो। यहां चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों, जांच व उपचार की पर्याप्त व्यवस्था हो। इसे Integrated Command and Control Centre (ICCC) से भी जोड़ा जाए।सभी मंत्रीगण फील्ड में बने रहें। प्रत्येक दशा में सुनिश्चित करें कि अस्पताल में आने वाले हर मरीज को बेड मिले, उनका समय पर इलाज किया जाए। हमारे सभी मेडिकल कॉलेजों सहित जिला अस्पताल, PHC, CHC व अन्य उच्चस्तरीय संस्थान साधन संपन्न हैं। इसका लाभ लोगों को मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू मरीजों के लिए हर शासकीय अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं, स्थानीय जरूरतों के अनुसार इनकी संख्या बढ़ाई जाए। हर जनपद में डेंगू टेस्टिंग और प्लेटलेट्स की जांच की सुविधा होनी चाहिए। प्रदेशव्यापी साफ-सफाई व फॉगिंग का कार्य नियमित कराया जाए। स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास, पंचायती राज और सूचना विभाग व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाकर डेंगू के कारण, लक्षण, बचाव आदि के बारे में सही जानकारी दी जाए। अखबारों में विज्ञापन, दीवार पेंटिंग, पब्लिक एड्रेस सिस्टम आदि के माध्यम से बीमारियों के बारे में जानकारी दी जाए।
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