वित्त मंत्री ने बड़े ऐलान किए
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीडीपी के 10% के बराबर 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की। जिसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने के लिए केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल और आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें वित्त मंत्री ने बड़े ऐलान किए हैं । जो निम्न हैं।
वित्त मंत्री ने बड़े ऐलान किए प्रवासियों, किसानों, छोटे व्यवसाय और फेरी वालों सहित गरीबों की सहायता के लिए आज निम्नलिखित अल्पकालिक और दीर्घकालिक कदमों की घोषणा की गई :-
1. प्रवासियों को 2 महीने के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति
प्रवासी कामगारों के लिए सभी राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों को प्रति कामगार दो महीनों यानी मई और जून, 2020 के लिए प्रति महीने प्रति कामगार 5 किलोग्राम की दर से खाद्यान्न और प्रति परिवार 1 किलोग्राम चना का मुफ्त आवंटन किया जाएगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में नहीं आने वाले या राज्य/ संघ शासित क्षेत्रों में बिना राशन कार्ड वाले ऐसे प्रवासी कामगार इसके पात्र होंगे, जो वर्तमान में किसी क्षेत्र में फंसे हुए हैं। राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को योजना के तहत लक्षित वितरण के लिए एक तंत्र विकसित करने का परामर्श दिया जाएगा। इसके लिए 8 लाख एमटी खाद्यान्न और 50,000 एमटी चने का आवंटन किया जाएगा। इस पर होने वाला कुल 3,500 करोड़ रुपये के व्यय का वहन भारत सरकार द्वारा किया जाएगा।
2. प्रवासियों को भारत में किसी भी फेयर प्राइस शॉप (उचित मूल्य वाली दुकान) से पीडीएस (राशन) खरीदने में सक्षम बनाने के लिए मार्च, 2020 तक प्रौद्योगिकी प्रणाली का उपयोग होगा- एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड
राशन कार्डों की पोर्टेबिलिटी की पायलट योजना का 23 राज्यों तक विस्तार किया जाएगा। इससे अगस्त, 2020 तक राशन कार्डों की राष्ट्रीय स्तर पर पोर्टेबिलिटी के द्वारा 67 करोड़ लाभार्थियों यानी 83 प्रतिशत पीडीएस आबादी को इसके दायरे में लाया जाएगा। 100 प्रतिशत राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी के लक्ष्य को मार्च, 2021 तक हासिल कर लिया जाएगा। यह पीएम की तकनीक आधारित व्यवस्थागत सुधारों की मुहिम का हिस्सा है। इस योजना से एक प्रवासी कामगार और उनके परिवार के सदस्य देश की किसी भी फेयर प्राइस शॉप से पीडीएस का लाभ लेने में सक्षम हो जाएंगे। इससे स्थान परिवर्तन करने वाले विशेष रूप से प्रवासी कामगार देश भर में पीडीएस लाभ लेने में सक्षम हो जाएंगे।
3. प्रवासी श्रमिकों और शहरी गरीबों के लिए सस्ते किराये के आवास परिसरों की योजना शुरू की जाएगी
वित्त मंत्री ने बड़े ऐलान किए केंद्र सरकार प्रवासी श्रमिकों और शहरी गरीबों के लिए सस्ते किराए पर रहने की सुविधा प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू करेगी। सस्ते किराए के ये आवासीय परिसर प्रवासी श्रमिकों, शहरी गरीबों और छात्रों आदि को सामाजिक सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करेंगे। ऐसा शहरों में सरकारी वित्त पोषित मकानों को रियायती माध्यम से पीपीपी मोड के तहत सस्ते किराए के आवासीय परिसरों (एआरएचसी) में परिवर्तित करके किया जाएगा। विनिर्माण इकाइयां, उद्योग, संस्थाएं अपनी निजी भूमि पर सस्ते किराए के आवासीय परिसरों (एआरएचसी) को विकसित करेंगे और उन्हें संचालित करेंगे। इसी तर्ज पर सस्ते किराये के आवासीय परिसरों (एआरएचसी) को विकसित करने और संचालित करने के लिए राज्य सरकार की एजेंसियों / केंद्र सरकार के संगठनों को प्रेरित किया जाएगा। इस योजना का पूरा विवरण मंत्रालय / विभाग द्वारा जारी किया जाएगा।
4. शिशु मुद्रा ऋण लेने वालों को 12 महीने के लिए 2 फीसदी ब्याज की छूट – 1,500 करोड़ रुपये की राहत
भारत सरकार मुद्रा शिशु ऋण लेने वालों में शीघ्र भुगतान करने वालों को 12 महीने की अवधि के लिए 2 फीसदी का ब्याज उपदान प्रदान करेगी, जिनके ऋण 50,000 रुपये से कम के हैं। मुद्रा शिशु ऋणों का वर्तमान पोर्टफोलियो लगभग 1.62 लाख करोड़ रुपये का है। शिशु मुद्रा ऋण लेने वालों को इसमें लगभग 1,500 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी।
5. स्ट्रीट वेंडरों के लिए 5,000 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा
स्ट्रीट वेंडरों पर मौजूदा स्थिति में सबसे प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, उनको ऋण तक आसान पहुंच की सुविधा देने के लिए एक महीने के भीतर एक विशेष योजना शुरू की जाएगी ताकि उन्हें अपने व्यवसायों को फिर से शुरू करने में सक्षम बनाया जा सके। इस योजना के तहत प्रत्येक उद्यम के लिए 10,000 रुपये की प्रारंभिक कार्यशील पूंजी की बैंक ऋण सुविधा दी जाएगी। यह योजना शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के विक्रेताओं को भी कवर करेगी जो आसपास के शहरी इलाकों में व्यवसाय करते हैं। मौद्रिक पुरस्कारों के माध्यम से डिजिटल भुगतानों के उपयोग और समय पर पुनर्भुगतान को प्रोत्साहित किया जाएगा। ऐसा अनुमान है कि 50 लाख स्ट्रीट वेंडर इस योजना के तहत लाभान्वित होंगे और उन तक 5,000 करोड़ रुपये का ऋण प्रवाहित होगा।
6. पीएमएवाई (शहरी) के तहत एमआईजी के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना के विस्तार के माध्यम से आवासन क्षेत्र और मध्यम आय समूह को 70,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन
क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना को मध्यम आय समूह के लिए (6 से 18 लाख रुपये के बीच वार्षिक आय) मार्च 2021 तक बढ़ाया जाएगा। इससे 2020-21 के दौरान 2.5 लाख मध्यम आय वाले परिवारों को लाभ होगा और आवासन क्षेत्र में 70,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा। आवास क्षेत्र को बढ़ावा देकर ये बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा करेगा और इस्पात, सीमेंट, परिवहन व अन्य निर्माण सामग्री की मांग को प्रोत्साहित करेगा।
7. कैम्पा फंड का उपयोग करते हुए रोजगार सृजन के लिए 6000 करोड़ रूपये
क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) के अंतर्गत लगभग 6000 करोड़ रुपये की निधियों का उपयोग शहरी क्षेत्रों सहित वनीकरण एवं वृक्षारोपण कार्यों, कृत्रिम पुनरुत्पादन, सहायता प्राप्त प्राकृतिक पुनरुत्पादन, वन प्रबंधन, मृदा एवं आर्द्रता संरक्षण कार्यों, वन सरंक्षण, वन एवं वन्यजीव संबंधी बुनियादी सुविधाओं के विकास, वन्यजीव संरक्षण एवं प्रबंधन आदि में किया जाएगा। भारत सरकार 6000 करोड़ रुपये तक की इन योजनाओं को तत्काल स्वीकृति प्रदान करेगी। इससे शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में और जनजातीय (आदिवासियों) के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।
8. नाबार्ड के माध्यम से किसानों के लिए 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आपातकालीन कार्यशील पूंजी
ग्रामीण सहकारी बैंकों और आरआरबी की फसल ऋण आवश्यकता को पूरा करने के लिए नाबार्ड 30,000 करोड़ रुपये कीअतिरिक्त पुनर्वित्तीयनसहायता प्रदान करेगा।यह पुनर्वित्त फ्रंट-लोडेड (असमान रूप से आवंटित) और मांग के अनुसार प्राप्य होगा।यह 90,000 करोड़ रुपये से अतिरिक्त राशि है, जो सामान्यत: इस क्षेत्र को नाबार्ड द्वारा प्रदान की जाएगी। इससे लगभग 3 करोड़ किसानों को फायदा होगा, जिनमें ज्यादातर छोटे और सीमांत हैं और इससे उनकी रबी की फसल कटाई के बाद और खरीफ की मौजूदा जरूरते पूरी होंगी।
9. किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 2.5 करोड़ किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये का ऋण प्रोत्साहन
यह पीएम-किसान के लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से रियायती ऋण प्रदान करने के लिए एक विशेष अभियान है। मछुआरे और पशुपालक किसान भी इस अभियान में शामिल किए जाएंगे। इससे कृषि क्षेत्र में 2 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी आएगी।इसके तहत 2.5 करोड़ किसानों को कवर किया जाएगा।
बतादें कि इससे पहले बुधवार को वित्त मंत्री ने बड़े ऐलान किए थे जो निम्न हैं।
एमएसएमई सहित व्यवसायों के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन कार्यशील पूंजी सुविधा
व्यवसायों को राहत देने के लिए 29 फरवरी 2020 तक बकाया ऋण के 20% की अतिरिक्त कार्यशील पूंजी रियायती ब्याज दर पर सावधि ऋण (टर्म लोन) के रूप में प्रदान की जाएगी। यह राहत 25 करोड़ रुपये तक के बकाया ऋण और 100 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली उन इकाइयों के लिए उपलब्ध होगी, जिनके खाते मानक हैं। इन इकाइयों को अपनी ओर से कोई भी गारंटी या जमानत नहीं देनी होगी। इस राशि पर 100% गारंटी भारत सरकार द्वारा दी जाएगी जो 45 लाख से भी अधिक एमएसएमई को 3.0 लाख करोड़ रुपये की कुल तरलता (लिक्विडिटी) प्रदान करेगी।
कर्ज बोझ से दबे एमएसएमई के लिए 20,000 करोड़ रुपये का अप्रधान ऋण
उन दो लाख एमएसएमई के लिए 20,000 करोड़ के अप्रधान ऋण का प्रावधान किया गया है जो एनपीए से जूझ रहे हैं या कर्ज बोझ से दबे हुए हैं। सरकार सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) को 4,000 करोड़ रुपये देकर उन्हें आवश्यक सहयोग देगी। बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे इस तरह के एमएसएमई के प्रवर्तकों को अप्रधान ऋण प्रदान करेंगे, जो इकाई में उनकी मौजूदा हिस्सेदारी के 15% के बराबर होगा। यह ऋण अधिकतम 75 लाख रुपये होगा। बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे इस तरह के एमएसएमई के प्रवर्तकों को अप्रधान ऋण प्रदान करेंगे, जो इकाई में उनकी मौजूदा हिस्सेदारी के 15% के बराबर होगा। यह ऋण अधिकतम 75 लाख रुपये होगा।
एमएसएमई फंड ऑफ फंड्स के माध्यम से 50,000 करोड़ रुपये की इक्विटी सुलभ कराई जाएगी
वित्त मंत्री ने बड़े ऐलान किए सरकार 10,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ एक फंड ऑफ फंड्स की स्थापना करेगी जो एमएसएमई को इक्विटी फंडिंग सहायता प्रदान करेगा। फंड ऑफ फंड्स का संचालन एक समग्र फंड और कुछ सहायक फंडों के माध्यम से होगा। यह उम्मीद की जाती है कि सहायक फंडों के स्तर पर 1:4 के लाभ या प्रभाव की बदौलत फंड ऑफ फंड्स लगभग 50,000 करोड़ रुपये की इक्विटी जुटा सकेगा।
एमएसएमई की नई परिभाषा
निवेश की सीमा बढ़ाकर एमएसएमई की परिभाषा को संशोधित किया जाएगा। टर्नओवर का एक अतिरिक्त मानदंड भी शामिल किया जा रहा है। विनिर्माण और सेवा क्षेत्र (सर्विस सेक्टर) के बीच के अंतर को भी समाप्त किया जाएगा।
एमएसएमई के लिए अन्य उपाय
एमएसएमई के लिए ई-मार्केट लिंकेज को बढ़ावा दिया जाएगा, जो व्यापार मेलों और प्रदर्शनियों के प्रतिस्थापन के रूप में काम करेगा। सरकार और सीपीएसई की ओर से एमएसएमई के प्राप्य 45 दिनों में जारी किए जाएंगे।
200 करोड़ रुपये तक की सरकारी निविदाओं के लिए कोई वैश्विक निविदा नहीं
200 करोड़ रुपये से कम मूल्य की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद में वैश्विक निविदा पूछताछ को नामंजूर करने के लिए सरकार के सामान्य वित्तीय नियमों (जीएफआर) में संशोधन किए जाएंगे।
व्यावसायिक और संगठित कामगारों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि सहायता
‘पीएमजीकेपी’ के एक भाग के रूप में शुरू की गई योजना, जिसके तहत भारत सरकार ईपीएफ में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों की ही ओर से वेतन में 12-12% का योगदान करती है, को जून, जुलाई और अगस्त 2020 के वेतन महीनों के लिए 3 माह तक बढ़ाया जाएगा। इसके तहत लगभग 2500 करोड़ रुपये का कुल लाभ 72.22 लाख कर्मचारियों को मिलेगा। .
ईपीएफ अंशदान को नियोक्ताओं और कर्मचारियों के लिए 3 माह तक घटाया जाएगा
ईपीएफओ द्वारा कवर किए जाने वाले सभी प्रतिष्ठानों के नियोक्ता और कर्मचारी दोनों में से प्रत्येक के अनिवार्य पीएफ अंशदान को 3 माह तक मौजूदा 12% से घटाकर 10% कर दिया गया है। इससे प्रति माह लगभग 2,250 करोड़ रुपये की तरलता मिलेगी।
एनबीएफसी/एचएफसी/एमएफआई के लिए 30,000 करोड़ रुपये की विशेष तरलता योजना
सरकार 30,000 करोड़ रुपये की विशेष तरलता योजना शुरू करेगी, तरलता आरबीआई द्वारा प्रदान की जा रही है। एनबीएफसी, एचएफसी और एमएफआई के निवेश योग्य डेट पेपर में प्राथमिक और द्वितीयक बाजार में होने वाले लेन-देन में निवेश किया जाएगा। इस पर भारत सरकार की ओर से 100 प्रतिशत गारंटी होगी।
एनबीएफसी/एमएफआई की देनदारियों के लिए 45,000 करोड़ रुपये की आंशिक ऋण गारंटी योजना 2.0
मौजूदा आंशिक ऋण गारंटी योजना को संशोधित किया जा रहा है और अब कम रेटिंग वाली एनबीएफसी, एचएफसी और अन्य माइक्रो फाइनेंस संस्थानों (एमएफआई) की उधारियों को भी कवर करने के लिए इसका दायरा बढ़ाया जाएगा। भारत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 20 प्रतिशत के प्रथम नुकसान की संप्रभु गारंटी प्रदान करेगी। .
डिस्कॉम के लिए 90,000 करोड़ रुपये की तरलता सुलभ कराई जाएगी
पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन इसके तहत डिस्कॉम में दो समान किस्तों में 90000 करोड़ रुपये रुपये तक की तरलता सुलभ कराएंगी। इस राशि का उपयोग डिस्कॉम द्वारा पारेषण और उत्पादक कंपनियों को उनके बकाये का भुगतान करने में किया जाएगा। इसके अलावा, सीपीएसई की उत्पादक कंपनियां इस शर्त पर डिस्कॉम को छूट देंगी कि यह रियायत अंतिम उपभोक्ताओं को उनके निर्दिष्ट शुल्क की अदायगी में राहत के रूप में मिल जाए।
ठेकेदारों को राहत
रेलवे, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और सीपीडब्ल्यूडी जैसी सभी केंद्रीय एजेंसियां ईपीसी और रियायत समझौतों से जुड़े दायित्वों सहित अनुबंधात्मक दायित्वों को पूरा करने के लिए छह माह तक का समय विस्तार देंगी।
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