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शिवराज सिंह चौहान ने सदन में बहुमत साबित किया

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार शपथ लेने वाले शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया। शिवराज सिंह चौहान ने सदन में बहुमत साबित किया। सोमवार देर रात को ही शिवराज ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। विधानसभा में शिवराज सरकार को कुल 112 विधायकों का समर्थन हासिल हुआ। शिवराज सिंह चौहान ने सदन में बहुमत साबित किया .
शिवराज सिंह चौहान ने सदन में बहुमत साबित किया है। मध्य प्रदेश विधानसभा में आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से पेश किए गए विश्वास मत प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की गयी। इसके साथ ही एक दिन पुरानी चौहान सरकार ने सदन में बहुमत साबित कर दिया। श्री चौहान ने विशेष सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही प्रारम्भ होने के बाद विश्वास मत पेश किया, जिसे आसंदी पर आसीन सभापति जगदीश देवड़ा ने पारित कराने के लिए मतदान की औपचारिकता करायी।
सदन में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का एक भी सदस्य मौजूद नहीं था। इस दौरान हुए मतदान में विश्वास मत को ध्वनिमत के जरिए सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इसके पहले श्री चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि राज्यपाल ने सरकार को पंद्रह दिनों के अंदर सदन में बहुमत साबित करने के लिए कहा था, इसलिए वे विश्वास मत पेश कर रहे हैं साथ ही श्री चौहान ने कहा कि उनकी सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता मौजूदा हालातों में कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकना है।
कोरोना वायरस के क्षेत्र में कल उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ही आवश्यक कदम उठाना प्रारंभ कर दिए हैं। सभापति श्री देवड़ा ने विश्वास मत प्रस्ताव पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही 27 मार्च, शुक्रवार को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
बतादें की इससे पहले कल शाम शिवराज सिंह चौहान चौथी बार ने सरकार बना ली है. मध्य प्रदेश बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना, जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसी के साथ वे शिवराज सिंह चौहान चौथी बार बने सीएम गए।
मध्य प्रदेश में सियासी घमासान लगातार चल रहा था जिसके बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बना ली है. राजभवन ने मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के लिए रात 9 बजे का वक्त दिया था. शिवराज सिंह चौहान ने रात 9 बजे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके साथ ही शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की चौथी बार शपथ ली है.इसी के साथ वे शिवराज सिंह चौहान चौथी बार बने सीएम गए।
बतादें कि इससे पहले मध्यप्रदेश में लगातार हो रही सियासत का अंत तब हो गया। मध्यप्रदेश विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति ने ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक कांग्रेस के सभी बागी 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लिए थे। इसी के साथ मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार अब अल्पमत में आ चुकी थी । जिसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार दोपहर 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। जिससे उन्होंने बहुमत परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे दिया था । जिसके बाद यह तय हो गया था कि मध्यप्रदेश में फिरसे शिवराज सिंह की भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है।
बतादें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला देते हुए कहा था कि शुक्रवार को शाम पांच बजे तक बहुमत परीक्षण की पूरी प्रक्रिया खत्म करने का आदेश दिया गया था। अदालत ने कहा था कि अगर बागी विधायक विधानसभा आना चाहें तो कर्नाटक और मध्यप्रदेश के डीजीपी को उन्हें सुरक्षा देनी होगी। साथ में अदालत ने बहुमत परीक्षण की वीडियोग्राफी कराने का भी आदेश दिया था
बतादें कि इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद ही फ़ाइनल हो गया था कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार गिर जाएगी और बीजेपी की सरकार बनेगी। जिसमें शिवराज सिंह मुख्यमंत्री होंगे और वही साबित हो गया .
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