अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि अच्छी शिक्षा मुफ़्त इलाज देना FREE की रेवड़ी बाँटना नहीं

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि अपने देश के बच्चों को मुफ़्त और अच्छी शिक्षा देना और लोगों का अच्छा और मुफ़्त इलाज करवाना इसे FREE की रेवड़ी बाँटना नहीं कहते। उन्होंने कहा कि मुझे गालियां दी जा रही है कि “केजरीवाल फ़्री की रेवड़ियां बांट रहा है” मैं Delhi के ग़रीब और Middle Class के 18 लाख बच्चों को Free में शानदार शिक्षा दे रहा हूँ। मैं देश से पूछना चाहता हूँ – क्या मैं Free की रेवड़ियां बांट रहा हूँ या देश की नींव रख रहा हूँ? एक बच्चा है गगन, जिसके पिता जी मज़दूरी करते थे। आज Gagan का Admission IIT-Dhanbad में Computer Engineering में हुआ है। गगन से पूछिए कि मैं रेवड़ियां बांट रहा हूँ या देश का भविष्य संवार रहा हूँ?

मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि Delhi एकमात्र शहर है जहां 2 करोड़ लोगों का इलाज मुफ़्त होता है। हम “फ़रिश्ते Scheme” में 13,000 से ज़्यादा लोगों की जान बचा चुके हैं। उनके परिवार से पूछिए कि केजरीवाल “Free की रेवड़ियां” बांट रहा है या पुण्य का काम कर रहा है? ये कहते हैं- केजरीवाल जनता को फ़्री में बिजली क्यों दे रहा है? मैं इन से पूछना चाहता हूं- तुम्हारे मंत्रियों को कितनी बिजली फ़्री मिलती है? तुम लोगों को 4000-5000 Unit FREE बिजली मिले तो ठीक, ग़रीब जनता को 200-300 Unit FREE Electricity मिले तो तकलीफ़? हम महिलाओं को Bus में Free यात्रा की सुविधा दे रहे हैं। जो लोग मुझे गालियां दे रहे हैं उन्होंने हज़ारों करोड़ ख़र्च कर अपने लिए “Private Plane” खरीदे हैं।

मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि मैं बताता हूं “फ़्री की रेवड़ी” कौन बांट रहा है- जब Bank Fraud करने वाले ने पार्टी को चंदा दिया और Govt ने Action नहीं लिया। जब अपने मित्रों के हज़ारों करोड़ के Loan माफ़ कर दिये। जब आपने विदेश में अपने दोस्तों के लिए ठेके लिये। ये हैं Free की रेवड़ियां! उन्होंने कहा कि देश में 2 तरह की राजनीति- ईमानदार राजनीति: लोगों को FREE सुविधाएं देती है। भ्रष्टाचारी राजनीति: “मित्रों” को हज़ारों करोड़ के ठेके और मंत्रियों को सुविधाएं देती है। जनता तय करे- उन्हें “ईमानदार” राजनीति चाहिए या “भ्रष्टाचारी” राजनीति!

मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि मेरे जीवन का एक ही मक़सद- मैं देश को नंबर 1 देश बनाना चाहता हूँ। 75 साल में Germany, Japan, Bangladesh भी आगे निकल गए। हम इतने पीछे क्यों रह गए? हम एक दिन देश के एक-एक बच्चे को मुफ़्त शिक्षा देंगे, इससे देश की नींव मजबूत होगी।