ओलावृष्टि के साथ शुरू बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्तः किसानों को फायदा कम नुकसान ज्यादा

भोलानाथ मिश्र की रिपोर्ट बाराबंकी रामसनेहीघाट: पिछले तीस घंटों से शुरू लगातार बरसात एवं हुयी ओलावृष्टि से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।तेज हवा के साथ हो रही बारिश से आदमी ही नहीं बल्कि पशु पक्षी सभी बेहाल हैं।बरसात किसानों के लिए वरदान एवं अभिशाप दोनों साबित हो रही है।

जानकारी के अनुसार बीते बुधवार की रात एक बजे से अचानक बदले मौसम के मिजाज ने पशु पक्षियों सहित आमलोगों की जिंदगी सांसत में डाल दी है।ओलावृष्टि के साथ शुरू हुई बरसात से पैदा कड़ाके की ठंड से लोगों का घरों से निकलना दुश्वार हो गया है और लोग घर में दुबकने पर विवश हो गए हैं।लगातार बारिश से सबसे अधिक कुप्रभाव पशु पक्षियों पर पड़ रहा है और वह भूखे प्यासे बरसात से बचने का प्रयास कर रहे हैं।

लगातार हो बारिश एवं ओलावृष्टि से किसानों की फसल को फायदा कम नुकसान ज्यादा हुआ है।जाड़े की बरसात किसानों के लिए फायदेमंद मानी जाती है लेकिन अधिक बरसात बरबादी का सबब बन जाती है क्योंकि रबी की फसलों को अधिक पानी की जरूरत नहीं होती है।अधिक बरसात होने से चना मटर आलू सरसों जैसी फसलें बर्बाद हो जाती हैं जबकि अधिक पानी से गेहूँ की फसल पीली पड़कर खराब हो जाती है।

इस समय अधिकांश लोग अपने गेहूं की फसल की सिंचाई कर चुके हैं ऐसे में हो रही बरसात नुकसानदेह साबित हो सकती है।इसी तरह अधिक पानी से आलू की फसल बेकार हो जाती है और उसमें तरह की बीमारियों का खतरा पैदा हो जाता है जिसका सीधा प्रभाव उत्पादन पर पड़ता है।इसी तरह इस समय अधिकांश सरसों की फसलों में फूल आ गये हैं और लगातार पानी से गिरने से उसके फूल गिर गये हैं।फूल गिरने से फसल के नष्ट होने की संभावना बढ़ गई है।

पिछले दो दिन से खराब चल रहे मौसम से लोग परेशान थे उसी बीच ओलावृष्टि के साथ हो रही बरसात ने लोगों को बेहाल कर दिया है।लगातार बरसात होने से सड़कें, बाजार सब सूनी हैं और दैनिक मजदूरी के सहारे जीवन यापन करने वालों की समस्या बढ़ गई है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है किे गेहूं में पानी की सख्त आवश्यकता थी यह बारिश गेहूं कि फसल को फायदा पहुंचाने वाली है लेकिन जिनकी सिंचाई हो चुकी है उनके लिए भारी बरसात नुकसान पहुंचा सकती है।