कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का आज 71 साल की उम्र में हुआ निधन

कांग्रेस पार्टी के नेता और सोनिया गाँधी के करीबी अहमद पटेल का आज सुबह तड़के 3.30 बजे निधन हो गया। अहमद पटेल पिछले एक महीने से कोरोना महामारी से लड़ रहे थे। लेकिन वो कोरोना की लड़ाई नहीं जीत पाए और आज सुबह 71 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। उनके मौत की जानकारी उनके बेटे ने ट्वीट कर दी। अहमद पटेल के निधन पर पूरे देश में शोक की लहर है। अहमद पटेल खास कर कांग्रेस पार्टी के लिए काफी बड़ा झटका है। इस वक्त कांग्रेस पार्टी को ऐसे नेताओं की बहुत जरुरत थी।

कांग्रेस पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले अहमद पटेल का कांग्रेस को आगे बढ़ाने में काफी योगदान रहा है। अहमद पटेल को सोनिया गाँधी का करीबी नेता माना जाता रहा है। सोनिया के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की बागड़ोर पर्दे के पीछे से अहमद पटेल चलाते थे। उस समय की कामयाबियों का श्रेय काफी हद तक अहमद पटेल को ही जाता है। माना जाता रहा है कि साल 2004 और 2009 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के पीछे अहमद पटेल की चाणक्य नीति का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

अहमद पटेल कुल आठ बार सांसद बने। तीन बार वो लोकसभा का चुनाव जीते जबकि पांच बार वे राजयसभा से चुने गए। अहमद पटेल ने पहला लोकसभा चुनाव 1977 में जीता और वंही से अपने राजनितिक जीवन की शुरुवात की। इसके अलावां सन 1980 और 1984 में भी वे सांसद का चुनाव जीतने में कामयाब रहे।

प्रधानमंत्री मोदी ने अहमद पटेल के निधन पर दुःख व्यक्त किया उन्होंने ट्वीट कर लिखा अहमद पटेल जी के निधन से दुखी। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में कई साल बिताए और समाज की सेवा की। अपने तेज दिमाग के लिए जानी जाने वाले, कांग्रेस पार्टी को मज़बूत करने में उनकी भूमिका हमेशा याद की जाएगी। उनके बेटे फैसल से बात की और संवेदना व्यक्त की। अहमद भाई की आत्मा को शांति मिले .

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गाँधी ने ट्वीट कर पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के निधन पर शोक व्यक्त किया।

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा अहमद पटेल नहीं रहे। एक अभिन्न मित्र विश्वसनीय साथी चला गया। हम दोनों सन् ७७ से साथ रहे। वे लोकसभा में पहुँचे मैं विधान सभा में। हम सभी कॉंग्रेसीयों के लिए वे हर राजनैतिक मर्ज़ की दवा थे। मृदुभाषी, व्यवहार कुशल और सदैव मुस्कुराते रहना उनकी पहचान थी। उन्होंने आगे लिखा कि कोई भी कितना ही ग़ुस्सा हो कर जाए उनमें यह क्षमता थी वे उसे संतुष्ट कर ही भेजते थे। मीडिया से दूर, पर कॉंग्रेस के हर फ़ैसले में शामिल। कड़वी बात भी बेहद मीठे शब्दों में कहना उनसे सीख सकता था। कॉंग्रेस पार्टी उनका योगदान कभी भी नहीं भुला सकती। अहमद भाई अमर रहें।