कैबिनेट बैठक के बाद प्रकाश जावडेकर ने कहा अफवाहों पर ध्यान न दें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बैठक के बाद कहा कि सामाजिक दूरी से ही कोरोना के खतरे से निबटा जा सकता है साथ ही कैबिनेट बैठक के बाद प्रकाश जावडेकर ने कहा अफवाहों पर ध्यान न दें.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा 21 दिन के लॉकडाउन के फैसले से कोरोना के खतरे से निबटने में मदद मिलेगी। उन्होंने समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन करने की अपील की जिससे लोग सुरक्षित रहें। सभी राज्यों में हेल्पलाइन नंबर जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। कैबिनेट बैठक के बाद प्रकाश जावडेकर ने कहा अफवाहों पर ध्यान न दें।

कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार तीन महीने का राशन अडवांस में देगी। देश के 80 करोड़ लोगों को राशन मिलेगा। किसी जरूरी सामान की कमी नहीं होने दी जाएगी। सरकार ने स्पष्ट किया है की लॉकडाउन की विस्तारित अवधि में देशभर में कहीं भी आवश्यक वस्तुओं की दुकानें बंद नहीं होंगी। लोग घबराकर सामानों की खरीदारी नहीं करें, नहीं तो इससे जमाखोरी और कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने स्पष्ट किया कि आवश्यक सेवाओं की सभी दुकानें हर रोज खुलेंगी, चाहे दूध हो, फल-सब्जी हो, अंडा-मांस हो या फिर अन्य जरूरी सामान। सभी वस्तुएं वैसे ही उपलब्ध होंगी, जैसे आम दिनों में उपलब्ध होती है। उन्होंने गुजरात के एक शहर और पुडुचेरी की एक दुकान का फोटो दिखाकर कहा कि लोग जागरूक हों। दुकान में खरीदारी करते वक्त भी उचित दूरी बनाकर रखें। इससे वह सामान भी ले पाएंगे और संक्रमण से भी बचे रहेंगे।

कुछ सामानों की कालाबाजारी से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि कोई दुकानदार इस तरह का काम करता है तो उस पर कठोर कार्रवाई होगी।उन्होंने लोगों से अपील की कि यह संकट की घड़ी है, एक दूसरे का साथ दें। जमाखोरी ना करें नहीं तो मजबूरन सरकार को कार्रवाई करनी होगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को उनका पूंजी आधार मजबूत करने के लिए 1,340 करोड़ रूपये की पूंजी उपलब्ध कराने को मंजूरी दी है।

कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 2019-20 के बाद एक और वर्ष के लिए यानी 2020-21 तक आरआरबी को न्यूनतम नियामकीय पूंजी प्रदान कर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के पुनर्पूंजीकरण की प्रक्रिया को जारी रखने को अपनी स्वीकृति दे दी है। इसके तहत उन आरआरबी को न्यूनतम नियामकीय पूंजी दी जाएगी जो 9% के ‘पूंजी-जोखिम भारित परिसंपत्ति अनुपात (सीआरएआर)’ को बनाए रखने में असमर्थ हैं, जैसा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्दिष्‍ट नियामकीय मानदंडों में उल्‍लेख किया गया है।

सीसीईए ने आरआरबी के पुनर्पूंजीकरण की योजना के लिए केंद्र सरकार के हिस्से के रूप में 670 करोड़ रुपये (यानी 1340 करोड़ रुपये के कुल पुनर्पूंजीकरण सहयोग का 50%) का उपयोग करने को भी मंजूरी दे दी है। हालांकि, इसमें यह शर्त होगी कि प्रायोजक बैंकों द्वारा समानुपातिक हिस्सेदारी को जारी करने पर ही केंद्र सरकार का हिस्सा जारी किया जाएगा।