जेएनयू हिंसा मामले में एफआईआर दर्ज कुछ आरोपियों की पहचान हुई

जेएनयू हिंसा मामले की जांच दिल्ली की क्राइम ब्रांच करेगी । दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हिंसा मामले की जांच दिल्ली क्राइम ब्रांच को दिया है। इसके अलावां दिल्ली के उप राजयपाल अनिल बैजल ने जेएनयू विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारियों और उनसे घटना के बारे में जानकारी ली है। और उन्हें भरोसा दिया है की दोषियों बहुत जल्द पकड़ लिया जायेगा। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है। पुलिस न बताया कुछ आरोपियों की पहचान भी कर ली गई है। जल्द इनकी गिरफ्तारी हो सकती है। डीसीपी देवेंद्र आर्या ने बताया कि हम सोशल मिडिया के फोटोस हुए विडिओज की बह जाँच करेंगे। और जल्द ही आरोपिओं को गिरफ्तार करेंगे।

JNU में हिंसा – चेहरे पर नकाब बांधे लोगों ने छात्रों और शिक्षकों पर किया हमला

दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में आज एक बार फिर जमकर हैं। जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) का कहना है, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने हिंसा है। जबकि ABVP का कहना है कि जेएनयू में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्रों पर लेफ्ट के छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा, डीएसएफ से जुड़े लोगों ने हमला किया है.

इस हिंसा में दौरान जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष को चोट आई है. जेएनयूएसयू ने दावा किया कि साबरमती और अन्य हॉस्टल में एबीवीपी ने प्रवेश कर छात्रों की पिटाई की. इसके साथ ही एबीवीपी की ओर से पथराव और तोड़फोड़ भी की गई. हालांकि तोड़फोड़ करने वाले लोगों ने चेहरे पर नकाब पहना हुआ था. हमले के बाद आइशी घोष ने कहा, ‘मुझे मास्क पहने गुंडों ने बेरहमी से मारा है. मेरा खून बह रहा है. मुझे बेरहमी से पीटा गया.’

ABVP ने लेफ्ट संगठनों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस हमले में ABVP से जुड़े करीब 15 छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं. वहीं अभी तक लगभग 11 छात्रों का कोई सुराग नहीं मिला है कि वे किस हालात में हैं. अलग-अलग छात्रावासों में एबीवीपी से जुड़े छात्रों पर हमला किया जा रहा है और हॉस्टलों की खिड़कियों दरवाजे को लेफ्ट के लोगों ने बुरी तरह से तोड़ दिया है.

इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने कहा कि जेएनयू में हिंसा की घटना से हैरान हूं. छात्रों पर बुरी तरह हमला किया गया है. पुलिस को फौरन हिंसा को रोकना चाहिए और शांति बहाल करना चाहिए. केजरीवाल ने ट्वीट करके सवाल उठाया कि अगर हमारे छात्र यूनिवर्सिटी कैंपस में सुरक्षित नहीं होंगे, तो देश कैसे विकास करेगा?