नहीं रहे मुलायम सिंह यादव पीएम मोदी समेत इन नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का लंबी बीमारी के बाद आज सुबह 8:16 बजे गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। इसी के साथ उत्तर प्रदेश के एक बहुत बड़े नेता के एक युग का समापन हो गया। मुलायम सिंह यादव की खबर से पुरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। सभी उनको भाव भरी श्रद्धांजलि समर्पित कर रहे हैं। आदरणीय नेताजी का आज दिनांक 10/10/2022 को सुबह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। उनके पार्थिव शरीर को सैफ़ई ले जाया जा रहा है। कल दिनांक 11/10/2022 को दोपहर तीन बजे सैफई में अंतिम संस्कार होगा। नहीं रहे मुलायम सिंह यादव पीएम मोदी समेत इन नेताओं ने दी श्रद्धांजलि।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा, “मुलायम सिंह यादव जी ने यूपी और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई। वह आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए एक प्रमुख सैनिक थे।” उन्होंने आगे लिखा कि जब हमने अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के रूप में काम किया, तब मुलायम सिंह यादव जी के साथ मेरी कई बातचीत हुई। घनिष्ठता जारी रही और मैं हमेशा उनके विचारों को सुनने के लिए उत्सुक था। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और लाखों समर्थकों के प्रति संवेदना… ओम शांति।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ट्वीट कर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि श्री मुलायम सिंह यादव का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। साधारण परिवेश से आए मुलायम सिंह यादव जी की उपलब्धियां असाधारण थीं। ‘धरती पुत्र’ मुलायम जी जमीन से जुड़े दिग्गज नेता थे। उनका सम्मान सभी दलों के लोग करते थे। उनके परिवार-जन व समर्थकों के प्रति मेरी गहन शोक-संवेदनाएं!

गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव के निधन पर ट्वीट कर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि मुलायम सिंह यादव जी अपने अद्वितीय राजनीतिक कौशल से दशकों तक राजनीति में सक्रिय रहे। आपातकाल में उन्होंने लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के लिए बुलंद आवाज उठाई। वह सदैव एक जमीन से जुड़े जननेता के रूप में याद किए जाएँगे। उनका निधन भारतीय राजनीति के एक युग का अंत है। दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों व समर्थकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। ॐ शांति शांति शांति

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि मुलायम सिंह यादव जी ज़मीन से जुड़े एक ऐसे नेता थे जिन्होंने कई दशकों तक उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रमुख भूमिका निभाई। अपने लम्बे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने अनेक पदों पर काम किया और देश, समाज एवं प्रदेश के विकास में अपना योगदान दिया। उनका निधन बेहद पीड़ादायक है। राजनीति में विरोधी होने के बावजूद मुलायम सिंह जी के सबसे अच्छे संबंध थे। जब भी उनसे भेंट होती तो वे बड़े खुले मन से अनेक विषयों पर बात करते। अनेक अवसरों पर उनसे हुई बातचीत मेरी स्मृति में सदैव तरोताज़ा रहेगी। दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों एवं समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएँ।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि “उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव जी का निधन अत्यंत दुखदायी है। उनके निधन से समाजवाद के एक प्रमुख स्तंभ एवं एक संघर्षशील युग का अंत हुआ है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की कामना व शोकाकुल परिवार एवं समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। श्री मुलायम सिंह यादव जी के निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा करती है उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा। शोक की इस घड़ी में उनके पुत्र श्री अखिलेश यादव जी से दूरभाष पर वार्ता कर अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं।

मुलायम सिंह यादव के निधन पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने दुख व्यक्त किया, “मुलायम सिंह यादव जी के निधन का दुखद समाचार मिला। भारतीय राजनीति में UP के पूर्व मुख्यमंत्री, भारत सरकार के रक्षामंत्री व सामाजिक न्याय के सशक्त पैरोकार के रूप में उनका योगदान याद रखा जाएगा।”

उत्तर प्रदेश सरकार ने मुलायम सिंह यादव के निधन पर तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार उत्तर प्रदेश में उनके पैतृक गांव सैफई में होगा।

मुलायम सिंह यादव के निधन पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुलायम जी का निधन बेहद दुखद है। उनका इलाज चल रहा था सब इस आस में थे कि वे वापस इलाज करवाकर लौटेंगे लेकिन यह खबर आई। राजनीतिक दृष्टि से यह एक युग का अंत है।

सपा नेता मुलायम सिंह यादव के निधन पर नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फ़ारुख़ अब्दुल्ला ने कहा कि वह बड़े नेता थे जिसे देश को जरूरत थी। वह ज़मीन और लोगों से जुड़े नेता थे। वह संसद में ऐसी बातें बोलते थे जो हुकूमत सुन सकती थी। उन्होंने गरीबों को उठाने और उनकी बदहाली दूर करने के लिए अपनी ज़िंदगी दी।

मुलायम सिंह यादव के बारे में जाने

समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक सफर काफी लंबा रहा. देश राजनीति में नेताजी के नाम से पहचाने जाने वाले मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 हुआ. वह 1967 में पहली बार विधानसभा के सभा के सदस्य के रूप में चुने गए थे. हालांकि, राजनीति में आने से पहले उनका इरादा पहलवान बनने का था. 60 के दशक में उन्होंने भारतीय समाजवादी राम मनोहर लोहिया के बारे में जाना, पढ़ा और उनसे प्रेरित होकर राजनीति में जाने का मन बना लिया. उत्तर प्रदेश के इटावा में जब भी समाजवादियों की रैली होती थी तो इन रैलियों में नेताजी जरूर शामिल होते थे. समाजवादी विचारधारा से वह इस कदर प्रेरित थे कि अखाड़ों के अलावा उन्हें रैलियों में भी देखा जाने लगा था.

मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 1967 से हुई. उस वक्त वह महज 28 साल के थे. इस साल विधानसभा चुनाव हो रहे थे. मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक गुरु नत्थू सिंह तब जसवंतनगर से विधायक थे. उन्होंने अपनी सीट से मुलायम सिंह को उतारने का फैसला किया. इसके बाद वह जसवंतनगर से सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार बन गए. कहा जाता है कि इस दौरान चुनाव प्रचार के लिए उनके पास कोई संसाधन नहीं था. इसलिए उन्होंने और उनके दोस्त ने मिलकर एक वोट एक नोट का नारा दिया. वह चंदे में एक रुपया मांगते और उसे ब्याज समेत लौटाने का वादा करते. इस बीच उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए एक पुरानी अंबेस्डर कार भी खरीदी. लेकिन इसमें तेल की व्यवस्था करनी थी. इसके लिए गांव वालों ने हफ्ते में एक दिन केवल एक वक्त का खाना खाया और बाकी बचे अनाज को बेचकर तेल की व्यवस्था की.

ऐसा रहा राजनीतिक सफर

साल 1967 में मुलायम सिंह यादव पहली बार विधायक और मंत्री बने. वह 5 दिसंबर 1989 को पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री ने. वह तीन बार मुख्यमंत्री रहे और केंद्र में रक्षा मंत्री भी रहे. वह 1989 से 1991 तक, 1993 से 1995 तक और साल 2003 से 2007 तक तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे.

इमरजेंसी के दौरान उन्होंने जेल की हवा भी खाई. 1975 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और लंबे समय तक जेल में रखा गया. उन्होंने 4 अक्टूबर 1992 को समाजवादी पार्टी की स्थापना की. इससे पहले 1977 में वह उत्तर प्रदेश के पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष चुने गए थे. वह एचडी देवगौड़ा की सरकार में देश के रक्षा मंत्री रहे और 1 जून 1996 से लेकर 19 मार्च 1998 तक ये पद संभाला.

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