निर्भया केस : राष्ट्रपति ने ख़ारिज की मुकेश की दया याचिका

निर्भया मामले में अब तक की सबसे बड़ी खबर आ रही है। राष्ट्रपति ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म केस के दोषी मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी है। अब दोषी मुकेश के सभी कानूनी विकल्प खत्म अब उसकी फांसी होनी तय हो गई है।

बतादें की दिल्ली सरकार ने निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के दोषी मुकेश की दया याचिका को ख़ारिज कर गृहमंत्रालय को भेज दिया था, जिसके बाद आज केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उसे राष्ट्रपति के पास भेज कर दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश थी उसी को मानते हुए राष्ट्रपति ने दोषी मुकेश की दया याचिका को ख़ारिज कर दिया।

निर्भया के पिता ने कहा कि दोषियों के फन्दी में हुई देरी के लिए अरविन्द केजरीवाल जिम्मेदार हैं उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने सत्ता में आने के लिए निर्भया केस का इस्तेमाल किया लेकिन लेकिन उन्होंने जेल अथॉरिटी से पहले फांसी के लिए नोटिस नहीं जारी कराया। उन्होंने कहा कि यदि इलेक्शन से पहले निर्भया के दोषियों को फांसी नहीं होती है तो अरविंद केजरीवाल इसके जिम्मेदार होंगे।

निर्भया की माँ ने प्रधानमंत्री को “बहुत हुआ नारी पर वॉर अबकी बार मोदी सरकार ” के नारे को याद दिलाते हुए कहा की आपने जिस तरह से तमाम किए हैं, उसी तरह बच्ची की मौत के साथ मजाक न होने दीजिए।निर्भया की माँ: मैं मोदी जी से हाथ जोड़कर कहना चाहती हूं कि 2014 में आपने कहा था बहुत हुआ नारी पर वार अबकी बार मोदी सरकार, प्रधानमंत्री जी एक बच्ची की मौत के साथ मजाक न होने दें। चारों दोषियों को 22 तारीख को फांसी पर लटकाएं और दिखाएं की हम नारी पर अत्याचार नहीं होने देंगे उन्होंने कहा की ‘सरकार चुप है, कोर्ट चुप है, कानून में कमियां हैं। जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला 2017 में आ गया, तब मैं दिल्ली सरकार के पास गई, केंद्र के पास गई। आखिर दोषियों को इतना अधिकार क्यों?’ जब 2012 में घटना हुई इन्हीं लोगों ने हाथ में तिरंगा लिया, खुब नारे लगाए, खुब रैली की। लेकिन अब वही लोग एक बच्ची की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।

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Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: Till now, I never talked about politics, but now I want to say that those people who held protests on streets in 2012, today the same people are only playing with my daughter’s death for political gains.

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बतादें की कल पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप मामले में चारों दोषियों में से एक मुकेश सिंह की याचिका पर सुनवाई की और कहा कि दोषियों को 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकती है। क्योंकि उनकी दया याचिका लंबित है। कोर्ट ने कहा था कि दया याचिका लंबित होने के कारण डेथ वॉरंट पर स्वतः ही रोक लग गई है। कोर्ट ने कहा की अगली तारीख जेल प्रशासन की रिपोर्ट के बाद तय की जाएगी। जेल प्रशासन की रिपोर्ट शुक्रवार दोपहर साढ़े 3 बजे तक आएगी।

बतादें कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के चारों दोषियों को 7 जनवरी डेथ वॉरंट जारी किया था। फिस्के बाद आरोपी मुकेश ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाई है। लेकिन दिल्ली सरकार ने गुरुवार को मुकेश सिंह की दया याचिका को भी खारिज कर गृह मंत्रालय को भेज दिया है.

कोर्ट ने कहा था कि दोषी हमारे कानूनों का दुरपयोग करके फांसी से बच रहे है। पीठ ने कहा कि यह दोषियों की और से बचने का तिकड़म किया जा रहा है।

बतादें की कल केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निर्भया के दोषियों को फांसी में हुई देरी लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि केजरीवाल सरकार ने पिछले ढाई साल से दया याचिका के लिए दोषियों को नोटिस क्यों नहीं दिया? उन्होंने कहा कि निर्भया को न्याय मिलने में देरी की जिम्मेदार आम आदमी पार्टी की सरकार है, नहीं तोनिर्भया के दोषी बहुत पहले फांसी पर चढ़ चुके होते।