निर्भया के चारों दोषियों को फांसी हुई

हमारे यंहा कहते हैं कि कानून के हाथ बहुत लम्बे होते है। निर्भया के दोषियों के लाख कोशिशों के बावजूद आखिरकार 7 साल बाद निर्भया को न्याय मिल गया।निर्भया के चारों दोषियों को फांसी हुई। निर्भया के चारों दोषियों को आज सुबह 5.30 बजे फांसी पर लटकाया गया। निर्भया के माता पिता को 7 साल बाद 20 मार्च 2020, सुबह 5.30 के तय वक्त पर चारों दोषियों को फांसी दी गई। निर्भया के दोषी फांसी से पहले खूब रोये गिड़गिड़ाए जमीन पर लोटे लेकिन इसका उन्हें कोई फायदा नहीं मिला और वही हुवा जिसका देश 7 सालों से इंतजार कर रहा था।निर्भया के चारों दोषियों को फांसी हुई। कहते हैं कि देर आये मगर दुरुस्त आये। और बुरे कर्म का बुरा नतीजा।

बतादें कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुवा है जब चार दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाया गया हो। जेल के अधिकारियों के मुताबिक चारों कातिलों को एक साथ फांसी पर लटकाया गया। इसके लिए जेल नंबर-3 की फांसी कोठी में फांसी के दो तख्तों पर चारों को लटकाने के लिए चार हैंगर बनाए गए थे। चारों को फांसी देने के लिए 60 हजार रुपये जल्लाद को मिलेगा।

बतादें कि इससे पहले निर्भया के दोषियों के वकील ने रात में 4 बजे तक फांसी को रुकवाने के लिए लगातार कोशिश करते रहे लेकिन सुबह 4 बजे उनकी सभी कोशिशें नाकाम गई सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को सुबह बजे ख़ारिज कर दिया और निर्भया के चारों दोषियों को फांसी हुई।

बतादें कि इससे पहले आधी रात तक चली बहस के बाद दिल्लीहाईकोर्ट की जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संजीव नरूला की डिवीजन बेंच में इस समय निर्भया के दोषियों की फांसी रोकने वाली याचिका पर सुनवाई की वकील एपी सिंह ने याचिका में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी, जिसने डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। ने फैसला सुनाया कि चारों दोषियों को कल सुबह 5.30 बजे फांसी दे दी जाए। जिसके बाद दोषियों के वकील ए पी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा।

सुप्रीम कोर्ट में यह मामला 2:30 बजे लगाया गया। जंहा पर इस मामले को जस्टिस भानुमति की बेंच ने सुना। लगातार सुनवाई के बाद बेंच ने डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और फैसला सुनाया कि चारों दोषियों को कल सुबह 5.30 बजे फांसी दे दी जाए। जिसके बाद निर्भया के चारों दोषियों को आज सुबह 5.30 बजे फांसी पर लटकाया गया।