बाराबंकी के रामसनेहीघाट में धार्म‍िक स्‍थल को लेकर बवाल, SDM आवास-पुलिसकर्मियों पर पथराव

बाराबंकी के रामसनेहीघाट तहसील परिसर में स्थित भवन पर पुलिस के सख्त पहरे को लेकर एक समुदाय के लोगों का आक्रोश को फूट पड़ा। रात में सैकड़ों लोग लाठी-डंडों व ईंट-पत्थर से लैस होकर तहसील परिसर के अंदर विवादित स्थल पहुंचे। पहुंचते ही लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। कुछ पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। हालात पर काबू पाने के लिए तत्काल थाने से पुलिस बल पहुंचा। आंसू गैस के गोले के साथ रबड़ की गोलियां दागकर लोगों को खदेड़ा गया। घटना की सूचना मिलने पर डीएम-एसपी के साथ जिला मुख्यालय से भारी संख्या में पुलिस व पीएसी भी कुछ ही देर में पहुंच गई। फिलहाल हालात नियंत्रण में है।

तीन दिनों से चल रहा विवाद : रामसनेहीघाट तहसील परिसर के अंदर हुए निर्माणों व रहने वाले लोगों की जांच ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दिव्यांशु पटेल द्वारा बीते कुछ दिनों से कराई जा रही थी। इसी क्रम में तीन दिन पहले जांच कर रहे सिपाहियों ने तहसील परिसर में बने एक भवन के अंदर रहे रहे लोगों से रहने का अनुमति पत्र के साथ उनका पहचान पत्र मांगा था। गुरुवार को तहसीलकर्मी व सुरक्षा बल पुन: उक्त भवन में पहुंचे तो देखा वहां रह रहे तीनों लोग नदारद हैं। पूछताछ की गई तो किसी को कोई जानकारी नहीं थी। उक्त तीनों लोगों के फरार होने की सूचना पाते ही तहसील प्रशासन में हड़कंप मच गया था। इसे लेकर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दिव्यांशु पटेल ने सुरक्षा में बड़ी चूक मानते हुए ना सिर्फ तहसील कॉलोनी में रहने वाले लोगों को कड़ी फटकार लगाई। पुलिस को तीनों लोगों की तलाश करके उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे।

धार्मिक स्थल पर आए लोग पुलिस देख बैरंग लौट गए : उल्लेखनीय है कि उक्त प्रकरण को लेकर गुरुवार को नोमानी नामक व्यक्ति ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से आकर मिले। उन्होंने दिव्यांशु पटेल से कहा कि ब्रिटिश काल से सभी तहसीलों में इस प्रकार के स्थल बनाए गए थे। जिस पर श्री पटेल ने उन्हें फटकार लगाते हुए भगा दिया था। इतना ही नहीं गुरुवार को तहसील प्रशासन द्वारा उक्त विवादित स्थल को बैरिकेडिंग लगाकर सील कर दिया गया था। वहां भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी। शुक्रवार को दोपहर में करीब एक दर्जन लोग उक्त विवादित स्थल पर पहुंचे। मगर वहां भारी पुलिस बल को देख सभी लौट गए थे।

रात में बोला हमला : तहसील परिसर के अंदर स्थित भवन को लेकर शुक्रवार की रात में गांव के डेढ़ सैकड़ा से अधिक लोग लाठी-डंडों व ईंट-पत्थर से लैस होकर पहुंचे। जब तक पुलिस बल कुछ समझ पाता भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। जिसमें कुछ पुलिसकर्मी चोटहिल भी हुए। इसकी सूचना पड़ोस में स्थित थाने पर पहुंची तो भारी संख्या में पुलिस बल उक्त विवादित स्थल पर पहुंची। पुलिस ने भारी भीड़ को देखते हुए आंसू गैस के गोले के साथ रबड़ की गोलियां दगाकर लोगों को तितर-बितर किया। आंसू गैस के गोले दगने से लोग अंधेरे का लाभ उठाकर भागने में सफल हो गए।

मौके पर पहुंचे डीएम व एसपी : पुलिस ने कुछ ही देर में हालात काबू कर लिया था। मगर घटना की सूचना मिलते ही डीएम डा. आदर्श सिंह व एसपी यमुना प्रसाद आनन-फानन में रामसनेहीघाट पहुंचे। इतना ही नहीं जिला मुख्यालय से बज्र वाहन के साथ पीएसी की टुकड़ी भी रामसनेहीघाट पहुंची। आसपास के कई थानों की पुलिस बल भी मौके पर बुला ली गई। मौके के हालात शांत हुए मगर देर रात विवाद की आशंका को देखते हुए पुलिस बलों को रात में भी रुकने का आदेश दिया गया। देर रात तक अधिकारी भी मौके पर डेरा डाले रहे।