मायावती ने राजस्थान में राष्ट्रपति शाशन लगाने की मांग की

देश आजादी के 75 साल पूरे कर रहा है लेकिन अभी भी दलितों को उनका समानता का अधिकार नहीं मिल पाया है। दलितों के साथ भेदभाव की ऐसी ही घटना राजस्थान के जालौर जिले के सुराणा से सामने आयी है जंहा पर एक घटना प्राइवेट स्कूल की 9 साल के दलित बच्ची ने सवर्ण जाति के शिक्षक के मटके से पानी निकाल कर पि लिया जिसको लेकर शिक्षक ने छात्रा को इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। यह निर्मम और हृदय विदारक घटना है इसकी जितनी भी निन्दाकी जाय वह कम है। यह जातिवादी सोंच समाज के लिए घातक है। इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने राजस्थान में राष्ट्रपति शाशन लगाने की मांग की है।

राजस्थान के जालौर जिले के सुराणामें एक छात्रा की हुई मौत को लेकर लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस पार्टी की गहलोत सरकार को बर्खास्त कर राजस्थान में राष्ट्रपति शाशन लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की गहलोत सरकार प्रदेश में दलितों पर हो रहे अत्याचार को रोकने में नाकाम है। इसीलिए राजस्थान की सरकार बर्खास्त कर वंहा पर राष्ट्रपति शाशन लगा देना चाहिए

मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि “राजस्थान के जालौर जिले के सुराणा में प्राइवेट स्कूल के 9 साल के दलित छात्र द्वारा प्यास लगने पर मटके से पानी पीने पर सवर्ण जाति के जातिवादी सोच के शिक्षक ने उसे इतनी बेरहमी से पीटा कि कल उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। इस हृदय विदारक घटना की जितनी निन्दा व भर्त्सना की जाए वह कम।”

मायावती ने दूसरे ट्वीट में लिखा कि “राजस्थान में आएदिन ऐसी जातिवादी दर्दनाक घटनाएं होती रहती हैं। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस की सरकार वहाँ खासकर दलितों, आदिवासियों व उपेक्षितों आदि के जान व इज्जत-आबरू की सुरक्षा करने में नाकाम है। अतः इस सरकार को बर्खास्त कर वहाँ राष्ट्रपति शासन लगाया जाये तो बेहतर।”

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