मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ की शुरुवात की बोले उ.प्र. सदियों लोकतंत्र की आधारशिला रहा है

उत्तर प्रदेश मेंआज स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय रंगारंग आयोजनों की शुरुवात लखनऊ के अवध शिल्पग्राम में शुरू हुई। इस कार्यक्रम की शुरुवात राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की। इस दौरान राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य नीलकंठ तिवारी उपस्थित रहे।

इस आयोजन को सम्बोधित करते हुए योगी आदित्य नाथ ने कहा कि आदिकाल से ही उत्तर प्रदेश की धरती अत्यंत पवित्र, पुण्य और पुरुषार्थ की धरा रही है।
उ. प्र. 24 जनवरी,1950 को इस नाम से अस्तित्व में आया। यह हम सबके लिए गौरव का विषय है कि उ. प्र. के स्थापना दिवस को 70 वर्ष पूर्ण हो गए। आप सभी को शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को जिन विभूतियों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाया है उनको सम्मानित करके आज उत्तर प्रदेश स्वयं को सम्मानित कर रहा है।

योगी आदित्य नाथ ने आगे कहा कि अतीत की गौरवशाली परंपराएं हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं और अतीत की गलतियों का परिमार्जन करके ही कोई समाज निर्विघ्न रूप से आगे बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि यह वही उ.प्र. है जो लोकतंत्र की आधारशिला रहा, जहां माँ गंगा देश में सर्वाधिक दूरी तय करती हैं, त्रिवेणी का संगम है, जहां से रामराज्य की अवधारणा उत्पन्न हुई और प्रभु श्रीकृष्ण ने जीवन के संघर्षों का सामना करने के लिए ऊर्जा से ओतप्रोत किया।

योगी आदित्य नाथ ने आगे कहा कि उ.प्र. वही धरती है जिसने आजादी के बाद सर्वाधिक प्रधानमंत्री देश को दिए हैं इसलिए उत्तर प्रदेश की इस गौरवशाली परंपरा पर हमें गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मा. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल जी द्वारा देश विदेश में उ.प्र. को पहचान दिलाने वाले खिलाड़ियों को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार और लक्ष्मण पुरस्कार से सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन किया गया।

योगी आदित्य नाथ ने आगे कहा किओलंपिक में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को ₹6 करोड़, रजत पदक पर ₹4 करोड़, कांस्य पदक पर ₹2 करोड़ और प्रतिभाग पर ₹10 लाख की धनराशि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विशेष रूप से दी जाती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल और एशियन खेलों में स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ियों को ₹50 लाख, रजत पदक पर ₹30 लाख, कांस्य पदक पर ₹15 लाख तथा प्रतिभाग पर ₹5 लाख की धनराशि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विशेष रूप से प्रदान की जाती है।

योगी आदित्य नाथ ने आगे कहा कि उ.प्र. में निवेश कर सर्वाधिक रोजगार उत्पन्न करने वाले 7 उद्यमियों को भी सम्मानित किया गया। इन उद्यमियों के कारण उ.प्र. के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव आया है। उ.प्र. के युवाओं की ओर से मैं इन सभी उद्यमियों का अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के निर्यात प्रतिशत में 28 फीसदी की बढ़ोत्तरी के पीछे प्रथम ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ समारोह के अवसर पर लागू की गई ‘एक जनपद- एक उत्पाद’ योजना का बहुत बड़ा योगदान रहा है।

योगी आदित्य नाथ ने आगे कहा कि द्वितीय स्थापना दिवस पर प्रदेश के परंपरागत शिल्पकारों और कारीगरों को प्रशिक्षण, टूल किट आदि उपलब्ध कराकर स्वावलंबन देने हेतु विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना आरंभ हुई। माटी कला बोर्ड के माध्यम से परंपरागत शिल्पकारों को एक नया मंच प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष से बालिकाओं के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना शुरू की गई। साथ ही विगत वर्ष प्रारंभ हुई मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में 1 लाख से अधिक बेटियों की शादियां कराई जा चुकी हैं।

योगी आदित्य नाथ ने आगे कहा कि आज उ.प्र. के तीसरे स्थापना दिवस पर हमने श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम पर 18 कमिश्नरी में 18 अटल आवासीय विद्यालयों का शु्भारंभ किया। इससे पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों के साथ ही निराश्रित बच्चों हेतु भी आवासीय विद्यालय उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिसका कोई नहीं उसका शासन होगा, और शासन अपने इस दायित्व का निर्वहन करेगा। मुझे प्रसन्नता होगी कि हर वर्ष हम उत्तर प्रदेशवासियों को कुछ नया देने में सफल होंगे।

योगी आदित्य नाथ ने आगे कहा कि आज ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ के अवसर पर सभी बेटियों को बधाई। युवाओं के लिए समर्पित यह वर्ष निश्चित ही उत्तर प्रदेश के युवाओं को देश-दुनिया के सामने प्रस्तुत करने में निर्णायक भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस पर जिन खिलाड़ियों और उद्यमियों को यहां सम्मानित किया गया है, मैं उन सबको बधाई देता हूं। उत्तर प्रदेश दिवस का यह कार्यक्रम आप सबके लिए मंगलमय हो। उत्तर प्रदेश प्रगति की नई ऊंचाइयों को निरंतर छूता रहे।