मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ ने ज‍िलाध‍िकार‍ियों के साथ बाढ़ की स्‍थि‍त‍ि से न‍िपटने की तैयार‍ियाों का जायजा लिया

मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ ने आज सभी ज‍िलों के ज‍िलाध‍िकार‍ियों के साथ बैठक की जिसमे बाढ़ की स्‍थि‍त‍ि से न‍िपटने तैयार‍ियाों का जायजा लिया। बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाढ़ से निपटने की लिए जो भी तैयरियां अधूरी रह गई हैं उन्‍हें जल्‍द से जल्‍द पूरा कर ल‍िया जाए। मुख्‍यमंत्री ने ज‍िला स्‍तर पर आपदा प्रबंधन टीम बनाने के भी न‍िर्देश द‍िए हैं। ज‍िससे बाढ़ की स्‍थि‍त‍ि पैदा होने पर उससे न‍िपटा जा सके। हमें बाढ़ के साथ-साथ जलभराव से बचाव के लिए भी ठोस प्रयास करना होगा। जिलाधिकारीगण स्वयं रुचि लेकर जलभराव से बचाव के लिए व्यवस्था की देखरेख करें। कल 30 जून तक नालों आदि की सफाई का कार्य पूर्ण करा लिया जाए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस रेडियो मुख्यालय द्वारा बाढ़ से प्रभावित जनपदों में 113 बेतार केंद्र अधिष्ठापित किए गए हैं। मॉनसून अवधि में यह केंद्र हर समय एक्टिव रहें। प्रदेश में बाढ़ से सुरक्षा के लिए विभिन्न नदियों पर 3,869 किमी लंबाई वाले 523 तटबंध निर्मित हैं। बाढ़ की आशंका को देखते हुए सभी तटबंधों की सतत निगरानी की जाए। राज्य स्तर और जिला स्तर पर बाढ़ राहत कंट्रोल रूप 24X7 एक्टिव मोड में रहें।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समस्त अतिसंवेदनशील तटबंधों पर प्रभारी अधिकारी, सहायक अभियन्ता स्तर के नामित किए जा चुके हैं, यह 24X7 अलर्ट मोड में रहें। तटबन्धों पर क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा लगातार निरीक्षण एवं सतत् निगरानी की जाए। लोगों को बताया जाए कि बाढ़ का पानी कतई न पिएं, जब भी पानी पियें उबाल कर छान कर पिएं। राहत शिविरों में चिकित्सकों की टीम विजिट करे। हमें कोरोना के प्रति भी सतर्क रहना होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाढ़ के दौरान जिन गांवों में जलभराव की स्थिति बनेगी, वहां आवश्यकतानुसार पशुओं को अन्यत्र सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट कराया जाए। इसके लिए जनपदों की स्थिति को देखते हुए स्थान का चयन कर लिया जाए। इन स्थलों पर पशु चारे की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं का टीकाकरण समय से कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। कंट्रोल रूम क्रियाशील रहे।

बाढ़ आपदा की स्थिति में यदि जरूरत पड़ती है तो अस्थायी राशन केंद्र भी संचालित करने होंगे। खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा इनके संचालन की व्यवस्था पूर्व से ही कर लिया जाए। नदियों के चैनेलाइजेशन के लिए ड्रोन आदि नवीनतम तकनीक का प्रयोग करते हुए समय से कार्ययोजना बना लेनी चाहिए। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के मार्गदर्शन लेते रहें। प्रभावित क्षेत्रों में महिला/बालिका सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। ऐसे में पुलिस बल की सक्रियता आवश्यक है।फील्ड में तैनात कर्मियों के भोजन आदि की भी व्यवस्था रहे। बाढ़/अतिवृष्टि के कारण कृषि फसलों की क्षति की स्थिति में किसान को यथाशीघ्र राहत दिलाई जाए। क्षति का आकलन कराएं, तत्काल मदद पहुंचाएं।