लव जिहाद पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हुई सख्त रोकने के लिए 10 साल तक की सजा वाले विधेयक को दी मंजूरी

लव जिहाद पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हुई सख्त। लव जिहाद के खिलाफ राज्य सरकार ने जबरन धर्म परिवर्तन की जांच करने के अध्यादेश को मंजूरी दे दी। सरकार का कहना है की “गैर कानूनी धर्मांतरण विधेयक” का मक़सद महिलाओं को सुरक्षा देना है।

अब उत्तर प्रदेश में लालच ,झूठ बोलकर या ज़ोर ज़बरदस्ती किये गए धर्म परिवर्तन या शादी के लिए किए गए धर्म परिवर्तन को अपराध माना जाएगा। नाबालिग,अनुसूचित जाति जनजाति की महिला के धर्म परिवर्तन पर अधिक कड़ी सजा होगी। इस कानून के मुताविक अगर कोई इन मामलों में लिप्त पाया जाता है तो उसे 10 साल तक की सजा हो सकती है। आपको बता दें कि यूपी के गृह विभाग ने लव जिहाद पर ऐसे कठोर कानून का मसौदा तैयार कर राज्य के कानून मंत्रालय को भेजा था।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताविक मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020’ को अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है। धर्म परिवर्तन के इच्छुक होने पर विहित प्रारूप पर जिला मजिस्ट्रेट को दो माह पूर्व सूचना देनी होगी। इसका उल्लंघन किए जाने पर 06 माह से 03 वर्ष तक की सजा और ₹10,000 जुर्माने का प्राविधान किया गया है।

यह अध्यादेश ऐसे धर्म परिवर्तन को एक अपराध की श्रेणी में लाकर प्रतिषिद्ध करेगा, जो मिथ्या निरूपण, बलपूर्वक, असम्यक प्रभाव, प्रपीड़न, प्रलोभन या अन्य किसी कपट रीति से या विवाह द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन के लिए किया जा रहा हो।

लव जिहाद के मामलों में अध्यादेश पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिसे लव जिहाद का नाम दिया जा रहा है। वो धोखाधड़ी करना, छल-कपट करना, विश्वासघात करना, नाम बदलकर किसी लड़की को अपने प्यार के जाल में फंसाना, उससे विवाह का नाटक करना और उसे दयनीय अवस्था में छोड़ देना है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सबसे पहले अध्यादेश लाने का फैसला किया। जिसमें 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान किया जा रहा है

लव जिहाद के मामलों में अध्यादेश पर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री मोहसिन रज़ा ने मिडिया से बात करते हुए कहा कि योगी सरकार ने पहले ही कहा था कि अगर जरूरत होगी तो अध्यादेश लाया जाएगा और हमें जरूरत लगी। जिस तरह से धर्म परिवर्तन को लेकर घटनाएं बढ़ रही थी। बच्चियों को धर्मांतरण कराया जा रहा था। कोई अपना नाम सुरेश, कोई दिनेश, कोई रमेश बताकर बच्चियों को ज़बरदस्ती बहलाते फुसलाते थे। जब पकड़े जा रहे थे तो कोई मुख्तार, कोई अंसार, कोई रईस निकल रहा था… यह जनहित का कानून है, इससे हमारी बच्चियों की जिंदगी सुरक्षित होंगी।