लॉकडाउन के दौरान जन-धन खातों में 31,000 करोड़ जबकि किसानों के खातों में 18,000 करोड़ दिए गए : पीएम मोदी

देश को सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को भोजन का प्रावधान देश की सर्वोच्‍च प्राथमिकता रही है। जैसे ही लॉकडाउन की घोषणा की गई, सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लाई, जिसके अंतर्गत गरीबों के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की गई।

उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीनों में, लगभग 20 करोड़ गरीब परिवारों के जन-धन खातों में 31,000 करोड़ रुपये हस्‍तांतरित किए गए हैं, 18,000 करोड़ रुपये 9 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में हस्‍तांतरित किए गए हैं और 50,000 करोड़ रुपये पीएम गरीब कल्याण रोज़गार अभियान पर खर्च किए जा रहे हैं, जिसे रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है।

इसके अलावां प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 80 करोड़ से अधिक लोगों को तीन महीने तक मुफ्त राशन प्रदान करने अर्थात परिवार के प्रत्येक सदस्य को 5 किलो मुफ्त चावल / गेहूं प्रदान करने के साथ-साथ प्रत्येक परिवार को प्रति माह 1 किलो दाल प्रदान करने के निर्णय पर पूरी दुनिया का ध्‍यान गया है। उन्होंने कहा कि जितने लोगों को मुफ्त राशन दिया गया, वह कई बड़े देशों की आबादी से कई गुना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्षा ऋतु के प्रारंभ के साथ, कृषि क्षेत्र में अधिकांश कार्य होते हैं। साथ ही गुरु पूर्णिमा, रक्षाबंधन, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, ओणम, दशहरा, दीपावली, छठ पूजा सहित कई त्योहार एक के बाद एक आ रहे हैं। उन्होंने घोषणा की कि इस समय के दौरान आवश्यकताओं के साथ-साथ व्यय में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का दीपावली और छठ पूजा तक विस्तार करने का निर्णय किया है, अर्थात यह योजना जुलाई से नवंबर के अंत तक लागू रहेगी। इस पांच महीने की अवधि के दौरान, 80 करोड़ से अधिक लोगों को प्रति माह 5 किलो मुफ्त गेहूं / चावल उपलब्ध कराया जाएगा। परिवार के प्रत्येक सदस्य को 5 किग्रा मुफ्त चावल / गेहूं प्रदान करने के साथ, प्रत्येक परिवार को प्रति माह 1 किग्रा मुफ्त चना भी प्रदान किया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, सरकार योजना के विस्तार की दिशा में 90,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी, उन्‍होंने कहा, यदि पिछले तीन महीनों में इसके लिए खर्च की गई राशि को एक साथ जोड़ा जाता है, तो इस योजना पर कुल मिलाकर लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। उन्होंने सरकार द्वारा खाद्यान्नों की खरीद और उसका मुफ्त वितरण संभव बनाने का श्रेय कड़ी मेहनत करने वाले किसानों और ईमानदार करदाताओं को दिया।

प्रधानमंत्री ने स्‍पष्‍ट किया कि देश ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ की ओर बढ़ रहा है, इससे काम की तलाश में दूसरे राज्यों में जाने वाले गरीबों को बहुत लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने चर्चा की कि कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई के अनलॉक 2 की तरफ खिसक चुकी है क्‍योंकि मौसम बदलने के साथ अनेक बीमारियां होती हैं। उन्होंने सभी से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने को कहा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन जैसे निर्णय समय पर लेने के कारण, लाखों लोगों की जान बचाना संभव हुआ है और देश में मृत्यु दर दुनिया में सबसे कम है। हालांकि, अनलॉक 1 के दौरान गैर-जिम्मेदाराना और लापरवाही काफी देखने को मिली है, उन्होंने कहा कि पहले लोग मास्क के उपयोग, दिन में कई बार 20 सेकंड से अधिक समय तक हाथ धोने और दो गज दूरी बनाने रखने के बारे में अधिक सावधान थे।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि जब अधिक सावधान रहना आवश्यक है, तो लापरवाही का बढ़ना चिंता का कारण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नियमों का उसी गंभीरता के साथ पालन करने की आवश्यकता है जैसे लॉकडाउन के दौरान, विशेष रूप से कंटेनमेंट जोन में। एक देश के प्रधानमंत्री पर सार्वजनिक स्थान पर मास्‍क नहीं पहनने पर 13,000 रुपये का जुर्माना लगाने का उदाहरण देते हुए उन्होंने लोगों को प्रोत्‍साहित किया कि वे ऐसे नियमों और विनियमों का पालन न करने वालों के बीच जागरूकता फैलाएं। उन्होंने कहा कि भारत में स्थानीय प्रशासन को उतनी ही मुस्‍तैदी के साथ काम करने की आवश्यकता होगी, क्योंकि प्रधानमंत्री सहित कोई भी कानून के शासन से ऊपर नहीं है।