लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कोई शब्द प्रतिबंधित नहीं

कांग्रेस समेत सभी बिपक्षी पार्टियां लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान के निकाले गए कई शब्दों के मामले को लेकर लगातार सरकार को घेर रही है। इस मामले को लेकर बिपक्षी पार्टियाों का कहना है कि मोदी सरकार लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही हैं। उनका कहना है कि सरकार जब भ्रष्ट और जुमलाजीवी जैसे शब्दों को भी बैन कर देगी तो बिपक्षी पार्टी के नेता सदन में क्या बोलेंगे। वो सरकार पर कैसे आरोप लगाएंगे। इसी बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि, “कोई शब्द प्रतिबंधित नहीं है, निकाले गए शब्दों का संकलन जारी है.”

न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा मेरे संज्ञान में आया है कि लोकसभा सचिवालय ने कुछ असंसदीय शब्दों को हटाया गया है। यह पहली बार नहीं हुआ है। यह प्रक्रिया लगातर 1959 से चली आ रही है। उन्होंने कहा पहले इस तरह के असंसदीय शब्दों की एक किताब का विमोचन किया जाता था… कागजों की बर्बादी से बचने के लिए हमने इसे इंटरनेट पर डाल दिया है। किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, हमने हटा दिए गए शब्दों का संकलन जारी किया है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा जिन शब्दों को हटा दिया गया है, वे विपक्ष के साथ-साथ सत्ता में पार्टी द्वारा भी संसद में कहे और उपयोग किए गए हैं। केवल विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों के चयनात्मक निष्कासन के रूप में कुछ भी नहीं है। कोई शब्द प्रतिबंधित नहीं है, उन शब्दों को हटा दिया है जिन पर पहले आपत्ति की गई थी।