वेंकैया नायडू नहीं बनना चाहते थे उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपनी किताब ‘लिसनिंग, लर्निंग एंड लीडिंग’ के विमोचन कार्यक्रम में एक ऐसी बात कही की लोग चौक गए उन्होंने कहा की वे कभी कोई पद नहीं चाहते थे वे एक सामाजिक कार्यकर्ता की तरह काम करना चाहते थे उन्होंने बताया कि जब उपराष्ट्रपति के लिए नाम का ऐलान हुआ तो उनकी आँखों में आंसू आ गए थे। इसलिए की वे अब बीजेपी के कार्यकर्ता नही रहे। उन्होंने कहा की मै एक साधारण परिवार से हूँ सायद इसलिए भाजपा ने मुझे सबकुछ दिया। मै नानाजी देखमुख की तरह रचनात्मक कार्य करना चाहता हू इसी कार्यक्रम में रजनीकांत ने जम्मू-कश्मीर के लिए लिए फैसलों पर नरेंद्र मोदी और अमित शाह की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मोदी-शाह की जोड़ी कृष्ण-अर्जुन की तरह है। कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आप सत्ता पक्ष के प्रति ज्यादा सख्त हैं। सभी मंत्री आपसे डरेते हैं।