सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला विवादित भूमि पर ही बनेगा राम मंदिर

आज का दिन एक ऐतिहासिक दिन है आज सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े, जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नज़ीर ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए अयोध्या में राम मंदिर बनने का रास्ता साफ कज दिया. पांचों जजों ने एक सुर से मन की विवादित भूमि ही जन्म भूमि है और उस भूमि को रामलला विराजमान को देने का फैसला लिया और मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में कंही पर भी 5 एकड़ जमीन देने को कहा है यह फैसला पांचो जजों की सर्वसम्मति से लिया गया। कोर्ट ने कहा की बाबरी मस्जिद का निर्माण किसी खाली जगह पर नहीं हुअक था उस जमीन के नीचे एक ढांचा था जो खुदाई में निकला वह मस्जिद का नहीं था। साथ में कोर्ट ने यह भी कहा की मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाने के कोई भी सबूत नहीं मिले। कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष विवादित जमीन पर दावा साबित नहीं कर पाया। प्रधान न्यायाधी ने कहा, सबूत पेश किए गए हैं कि हिंदू बाहरी आहते में पूजा करते थे. कोर्ट ने मन कि 1856-57 से पहले हिंदुओं को आंतरिक अहाते में जाने से कोई रोक नहीं थी. मुस्लिमों को बाहरी आहाते का अधिकार नहीं था. हालां की कोर्ट ने माना की 6 दिसंबर 1992 को गिराए गए ढांचे पर कहा कि मस्जिद को गिराना कानून का उल्लंघन था.
साथ ही कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े के दावे को ख़ारिज कर दिया और विवादित भूमि को रामलला विराजमान को देते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा की वह तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाये जो मंदिर निर्माण का कार्य करेगा। मतलब अब तीन महीने के अंदर ही विवादित भूमि पर ही राममंदिर का निर्माण शुरू हो जायेगा। इसके अलावां कोर्ट ने सर्कार को आदेश दिया है सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही किसी उचित जगह मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जगह दी जाए.

फैसला आने के बाद देश के सभी लोगों ने इसका स्वागत किया और सामाजिक सौहार्द बनाये रखने की अपील की। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा “देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है: यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है।
हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया। न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया।यह फैसला न्यायिक प्रक्रियाओं में जन सामान्य के विश्वास को और मजबूत करेगा। हमारे देश की हजारों साल पुरानी भाईचारे की भावना के अनुरूप हम 130 करोड़ भारतीयों को शांति और संयम का परिचय देना है। भारत के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की अंतर्निहित भावना का परिचय देना है।”

इसके अलावां गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट की “श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वसम्मति से आये सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का मैं स्वागत करता हूँ। मैं सभी समुदायों और धर्म के लोगों से अपील करता हूँ कि हम इस निर्णय को सहजता से स्वीकारते हुए शांति और सौहार्द से परिपूर्ण ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के अपने संकल्प के प्रति कटिबद्ध रहें। दशकों से चले आ रहे श्री राम जन्मभूमि के इस कानूनी विवाद को आज इस निर्णय से अंतिम रूप मिला है। मैं भारत की न्याय प्रणाली व सभी न्यायमूर्तियों का अभिनन्दन करता हूँ। श्री राम जन्मभूमि कानूनी विवाद के लिए प्रयासरत; सभी संस्थाएं, पूरे देश का संत समाज और अनगिनत अज्ञात लोगों जिन्होंने इतने वर्षों तक इसके प्रयास किया मैं उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ।मुझे पूर्ण विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह निर्णय भारत की एकता, अखंडता और महान संस्कृति को और बल प्रदान करेगा।’

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा “माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत है, देश की एकता व सद्भाव बनाए रखने में सभी सहयोग करें, उत्तर प्रदेश में शांति, सुरक्षा और सद्भाव का वातावरण बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। श्री राम जन्मभूमि पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय का सर्वसम्मति से निर्णय भारतीय विधि व्यवस्था की निष्पक्षता का सजीव प्राकट्य है। समस्त नागरिक, निर्णय को सहजता और सद्भाव के साथ स्वीकार करें।

इसके अलावां कांग्रेस राहुल गाँधी ने ट्वीट किया ” सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मुद्दे पर अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करते हुए हम सब को आपसी सद्भाव बनाए रखना है। ये वक्त हम सभी भारतीयों के बीच बन्धुत्व,विश्वास और प्रेम का है।

प्रियंका गाँधी ने ट्वीट किया ” अयोध्या मुद्दे पर भारत की सर्वोच्च अदालत ने फैसला दिया है। सभी पक्षों, समुदायों और नागरिकों को इस फ़ैसले का सम्मान करते हुए हमारी सदियों से चली आ रही मेलजोल की संस्कृति को बनाए रखना चाहिए। हम सबको एक होकर आपसी सौहार्द और भाईचारे को मजबूत करना होगा।”