हमारी सरकार ने गन्ना किसानों को 82,000 करोड़ का भुगतान किया : योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रगतिशील कृषक सम्मेलन में कृषि कल्याण व नवीन कृषि विज्ञान केंद्रों का शिलान्यास किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानो को सम्बोधित करते हुआ कहा कि मैं अपने सभी प्रगतिशील किसान भाई-बहनों का अभिनंदन करता हूं जिनके परिश्रम से उत्तर प्रदेश की उर्वरा धरती पर कृषि उत्पादन आत्मनिर्भरता की ओर पुनः एक बार तेजी से बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उ.प्र. की धरती अत्यंत उर्वरा धरती है, हमारे पास पर्याप्त जल संसाधन हैं लेकिन 15-20 वर्षों में शासन की उपेक्षा और विभिन्न क्षेत्रों में लापरवाही के कारण आज से 3 वर्ष पहले तक ऐसी स्थिति हो गई थी, जब प्रदेश के किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो गए थे। उन्होंने कहा कि आज मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्रमोदी ने किसानों को राजनीति के एजेंडे का हिस्सा बनाया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि PMFBY, प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि, किसानों की आय दोगुना करने, प्रोक्योरमेंट द्वारा किसानों को उनकी फसल का डेढ़ गुना दाम देने की योजना आदि के माध्यम से आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी की प्रेरणा से प्रत्येक क्षेत्र में अच्छा काम हुआ है। उन्होने कहा कि 2017 में सरकार के आते ही हमने सीमांत किसानों के एक से डेढ़ लाख रुपए तक फसल ऋण माफ किए।उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बना जहां सफलतापूर्वक ऋणमोचन कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि सरकार में आने के बाद विंध्य क्षेत्र में ‘बाण सागर परियोजना’ के लिए भारत सरकार के सहयोग और नाबार्ड एवं प्रदेश सरकार के माध्यम से धन स्वीकृत कर 1 वर्ष में परियोजना पूर्ण की गई। इससे 1.75 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित है और 1.5 लाख किसान लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में 50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद उ.प्र. सरकार की प्रोक्योरमेंट नीति के अंतर्गत की जा चुकी है। ढुलाई, छनाई के लिए अतिरिक्त पैसा भी मण्डी परिषद के माध्यम से दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहली बार जून महीने के मध्य तक प्रदेश में चीनी मिलें चलती दिखाई दीं और ₹82,000 करोड़ का भुगतान गन्ना किसानों को किया गया। जहां महाराष्ट्र और कर्नाटक में आधी से ज्यादा चीनी मिलें बंद हुईं वहीं उत्तर प्रदेश में 121 चीनी मिलें चल रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहा है कि किसानों की लागत कम हो और उनकी उत्पादकता बढ़े। इसके लिए 80-90% सब्सिडी पर ड्रिप इरिगेशन को बढ़ावा दिया गया। साथ ही अन्य तकनीकों को भी कृषि से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि प्रदेश में 352 कृषि उत्पादक संगठन हैं। प्रथम चरण में हमने तय किया है कि प्रदेश के 823 विकासखण्डों में 1-1 कृषि उत्पादक संगठन अनिवार्य रूप से कार्य करना प्रारंभ करे। उन्होंने कहा कि द्वितीय चरण में 8,000 से अधिक न्याय पंचायतों के स्तर पर 1-1 कृषि उत्पादक संगठन हो और तृतीय चरण में लगभग 60,000 ग्राम पंचायतों में 1-1 कृषि उत्पादक संगठन अवश्य हो। उन्होंने कहा कि यहां पर प्राप्त होने वाले मार्गदर्शन के माध्यम से उत्तर प्रदेश की उर्वरा धरती पर हमारे किसान भाई सोना उपजाने का काम करें। मैं एक बार पुनः यहां पधारे सभी महानुभावों का हृदय से अभिनंदन करता हूं