NEET और JEE प्रवेश परीक्षाओं के विरोध में कांग्रेस ने किया प्रदर्शन

देश में होने वाली NEET और JEE प्रवेश परीक्षाओं का मामला सुर्खियों में है। कई बिपक्षी पार्टियां कोरोना के कारण अभी परीक्षा के विरोध में हैं। आज सुबह से कांग्रेस पार्टी ने सोशल मिडिया पर #SpeakUpForStudentSafety कम्पैन चलकर परीक्षाओं विरोध कर रही है। इसके साथ ही यूथ कांग्रेस ने भी पुरे देश में धरना प्रदर्शन किया है। इस कम्पैन में देखिये क्या कहा

कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा कि आज पूरे देश में कोरोना का संकट है; आर्थिक संकट है। मोदी सरकार लोगों को जरूरत पड़ने पर ही घर से निकलने का आग्रह कर रही है; वहीं दूसरी तरफ NEET और JEE की परीक्षाएं देने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

कांग्रेस पार्टी के नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि देश में कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है; देश में हर रोज 70000 केस आ रहे हैं। ऐसे समय में JEE और NEET की परीक्षाएं लेने की बात की जा रही है। केंद्र सरकार से आग्रह करूंगा कि परीक्षा लेने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।

कांग्रेस पार्टी के नेता अधिरंजन चौधरी ने कहा कि हम केंद्र सरकार से शुरू से ही JEE और NEET की परीक्षाओं के निर्णय को लेकर उसे स्थगित करने की गुहार लगा रहे हैं। इस महामारी के समय में ये परीक्षाएँ करवाना खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि 25 लाख से ज्यादा छात्र इसमें शिरकत करेंगे।

कांग्रेस पार्टी के नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भारतवर्ष में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। पूरे विश्व में सर्वाधिक मामले भारत में दर्ज हो रहे हैं। ऐसे समय में भारत सरकार JEE और NEET की परीक्षाओं को लेकर अपना राजहठ दिखा रही है।

कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने कहा कि जब मैंने केंद्र सरकार द्वारा JEE-NEET परीक्षाओं को आयोजित कराने के फैसले का विश्लेषण किया, तो पाया कि संकट के इस समय में इन परीक्षाओं को कराना हानि और जोख़िम के सिवाय कुछ नहीं है।

कांग्रेस पार्टी के नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि भाजपा सरकार जबरन छात्रों पर परीक्षाओं का बोझ क्यों थोप रही है? कोरोना महामारी के दौरान अफरा-तफरी का माहौल है; 60000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है; फिर भी सरकार परीक्षाएं करवाने की जिद पर क्यों अड़ी हुई है।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बालासाहब थोराट ने कहा कि केंद्र सरकार NEET और JEE की परीक्षा लेने का हठ कर रही है। आज कोरोना का संकट गंभीर बनता जा रहा है; इस समय विद्यार्थियों को एक साथ लाना उनके आरोग्य और जीवन के साथ खिलवाड़ है। केंद्र सरकार को छात्रों की बात सुनकर फैसला वापस लेना चाहिए।

कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा कि आज का छात्र कल के भविष्य का निर्माता है। इनके साथ भाजपा सरकार बहुत बड़ा अन्याय कर रही है। इनकी रक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य को ताक पर रख कर जबरन JEE-NEET की परीक्षाएं आयोजित कर लगभग 26 -27 लाख छात्रों को मौत के कुएं में धकेल रही है।

इसी बीच विपक्षी दलों द्वारा शासित 6 राज्य सरकारें अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच कर अपने फैसले पर फिर से विचार करने की गुहार लगाने के लिए पहुंच गई हैं।

होने वाली NEET और JEE प्रवेश परीक्षाओं पर रोक लगाने के लिए छत्तीसगढ़, पंजाब और महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान, सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। इन सरकारों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले पर पुनर्विचार करे जिससे देश में होने वाली परीक्षा अभी ताली जा सके। इन सरकारों का कहना है कि कोरोना की वजह से अभी परीक्षा करवाना ठीक नहीं है। इससे छात्रों को कोरोना हो सकता है।

बतादें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना महामारी के बीच NEET और JEE प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित करने की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कहा गया था कि “छात्रों का कीमती शैक्षणिक वर्ष” बर्बाद नहीं किया जा सकता है।