अयोध्या को आध्यत्मिक क्षेत्र घोसित करने की अपील
अयोध्या से 125 किमी. के परिक्षेत्र को आध्यात्मिक क्षेत्र बनाने हेतु अपील व कार्ययोजना
विश्वकुंडलिनी जागरण संस्थान द्वारा अयोध्या के 125 किमी. तक के परिक्षेत्र को आध्यात्मिक क्षेत्र बनाने के लिए अवध क्षेत्र के श्रद्धेय संतो, आदरणीय संभ्रांतजनों , सम्माननीय सामाजिक कार्यकर्ताओं, विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों, पूजीपतियों से अपील ,
भाइयों / बहनों,
समय बहुत तेजी से बदल रहा है। सरकार बड़ी तेजी से इंडिया का डिजिटलाइजेक्शन कर रही है। भारतीय वैज्ञानिक चन्द्रमा जैसे अन्य ग्रहों में अपना स्थान बना रहे हैं। वैज्ञानिक जितनी तेजी से प्रगति कर रहे हैं। मनुष्य का नैतिक पतन उतनी ही तेजी से हो रहा है।
विश्व को नैतिक, वैज्ञानिक, आध्यात्मिक रास्ता दिखाने वाला भारत वर्ष ही रहा है। उसे ही जगत गुरु होने का सम्मान मिलता रहा है। जिसमे इस अवध क्षेत्र की भूमिका वैदिक काल से लेकर प्रमुख रही है। ऋंषियों के सर्वाधिक तपस्थान, देव स्थान, सिद्ध पीठ इसी क्षेत्र में रहे हैं। उन क्षेत्रों के जागरण का समय अब आ गया है। इस क्षेत्र में गांव-गांव नगर-नगर के हर कोने को आध्यात्मिक क्षेत्र बनाने के लिए आप सबसे तन मन धन से सहयोग करने की अपील कर रहे हैं। और उत्तर प्रदेश सरकार से मांग कर रहे हैं, कि इस क्षेत्र को आध्यात्मिक क्षेत्र घोसित करके उपयुक्त कार्य योजना बनाई जाय।
विश्वकुंडलिनी जागरण संस्थान द्वारा बनाई गई कार्य योजना निम्नलिखित है।
१. प्रत्येक ग्रामपंचायतों में आध्यात्मिक संस्कृति विस्तार शाखाओं और समितियों का गठन।
२. प्रत्येक ग्रामपंचायत में योगा केंद्र, संस्कार केंद्र, औषधिवाटिका, नवग्रह वाटिका सम्प्रदाय वाटिका की स्थापना करना।
३. प्रत्येक ग्रामपंचायत में नैतिक युवा पीढ़ी के निर्माण के लिए गीता , रामायण, सत्संग आयोजित करना।
४. युवाओं को आध्यात्म से जोड़ने के लिए गीता रामायण प्रतियोगिता आयोजित करना।
५. अवध क्षेत्र में प्राचीन नदियों के किनारे एवं अन्यत्र स्थित ऋंषियों के तपस्थानों, देवस्थानों, पुराने मंदिरों का जीर्णोंद्धार जन सहयोग से करना-कराना।
६. प्रत्येक गांव के ग्राम देवी देवताओं के स्थानों के प्रति जन श्रद्धा जगाना और उन स्थानों को जागृत करना।
७. इन सभी कार्यों को पूरा करने के लिए सत्संग, व्याख्यान, कथा, सेमिनार, कार्यशाला आदि काकार्यक्रमों का आयोजन करना। एवं गीता-गंगा-गोमाता के
संरक्षण के लिए जन मानस तैयार करना।
८. जनश्रद्धा और जान सहयोग जुटाने के लिए विभिन्न जन संगठनों और सम्प्रदायों के साथ तीर्थ यात्रायें, पदयात्राएं निकलना।
९ अवध क्षेत्र में वैदिक संस्कृति के उत्थान के लिए संस्कृत शिक्षण केंद्रों की व्यवस्था बनाना।
१०. क्षेत्र में सामाजिक समरसता सांप्रदायिक एकता बनाने के लिए सभी धर्मों के त्योहारों को आध्यात्मिक तरीके से मानाने के लिए जान मानस तैयार करना।
११. सरकार द्वारा संचालित सभी लोककल्याणकारी कार्यक्रमों को आध्यात्मिक संस्कृत विस्तार समितियों द्वारा जन जन तक पहुंचना।
निवेदक :
आचार्य रामशंकर मिश्र
अध्यक्ष विश्वकुंडलिनी जागरण संस्थान
सिल्हौर घाट, गोमती नदी तट अवध क्षेत्र
सिल्हौर , बाराबंकी उत्तर प्रदेश
8172941808
[…] Source link […]