एनडीटीवी का 29.18 % हिस्सा अदाणी ग्रुप ने खरीदा

एनडीटीवी का 29.18 % हिस्सा अदाणी ग्रुप ने खरीदा

मीडिया कंपनी एनडीटीवी का 29.18 % हिस्सा भारत के सबसे अमीर शख्स गौतम अदाणी के अदाणी ग्रुप ने खरीद लिया है। अडानी ग्रुप ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज़ एनएसई को इसके बारे में जानकारी दी है। मीडिया कंपनी एनडीटीवी में यह गौतम अडानी का बड़ा इन्वेस्टमेंट है। मीडिया कंपनी एनडीटीवी में अडानी ग्रुप ने अप्रत्यक्ष रूप से पैसा लगाया है। अडानी ग्रुप की ओर से एक्सचेंज को जो जानकारी दी…

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76वें स्वतंत्रता दिवस पर फहराया तिरंगा

76वें स्वतंत्रता दिवस पर फहराया तिरंगा

15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुआ था। और हम आजाद हो गए थे। इसीलिए 15 अगस्त हम हर साल आजादी का पर्व मानते हैं। इस बार हमारी हमारी आजादी के 75 साल पूरे हो गए और हम ७६वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। इस लिए यह बहुत खास है। इस बार स्वतंत्रता दिवस को बड़ी धूम धाम के साथ मनाया जा रहा है। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने…

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राकेश झुनझुनवाला का निधन हो गया

राकेश झुनझुनवाला का निधन हो गया

Rakesh Jhunjhunwala passes away : राकेश झुनझुनवाला का निधन हो गया . भारत के वारेन बफेट कहे जाने वाले अरबपति दिग्गज निवेशक और अकासा एयर के संस्थापक राकेश झुनझुनवाला का आज 62 वर्ष की आयु में मुंबई में निधन हो गया। शेयर मार्केट के दिग्गज खिलाड़ियों में से एक राकेश झुनझुनवाला का निधन हो गया। राकेश झुनझुनवाला मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल की ओर से आज सुबह…

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विचार ही चरित्र निर्माण करते हैं

विचार ही चरित्र निर्माण करते हैं

 जब तुम्हारा मन टूटने लगे, तब भी यह आशा रखो कि प्रकाश की कोई किरण कहीं न कहीं से उदय होगी और तुम डूबने न पाओगे, पार लगोगे। चरित्र मानव- जीवन की सर्वश्रेष्ठ सम्पदा है। यही वह धुरी है, जिस पर मनुष्य का जीवन सुख- शान्ति और मान- सम्मान की अनुकूल दिशा अथवा दुःख- दारिद्र्य तथा अशांति, असन्तोष की प्रतिकूल दिशा में गतिमान होता है। जिसने अपने चरित्र का निर्माण आदर्श रूप में कर लिया उसने…

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विचार ही चरित्र निर्माण करते हैं

विचार ही चरित्र निर्माण करते हैं

 जब तुम्हारा मन टूटने लगे, तब भी यह आशा रखो कि प्रकाश की कोई किरण कहीं न कहीं से उदय होगी और तुम डूबने न पाओगे, पार लगोगे। चरित्र मानव- जीवन की सर्वश्रेष्ठ सम्पदा है। यही वह धुरी है, जिस पर मनुष्य का जीवन सुख- शान्ति और मान- सम्मान की अनुकूल दिशा अथवा दुःख- दारिद्र्य तथा अशांति, असन्तोष की प्रतिकूल दिशा में गतिमान होता है। जिसने अपने चरित्र का निर्माण आदर्श रूप में कर लिया उसने…

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ऐसे करेंआत्मसमीक्षा

ऐसे करेंआत्मसमीक्षा

आत्म-समीक्षा (आत्मसमीक्षा ) के चार मानक हैं: – अंगों (इन्द्रियसंयम) के आत्म-संयम। समय के आत्म-संयम। पैसे की आत्म-संयम। विचारों का आत्म-संयम। यह जांच की जानी चाहिए है कि वहाँ इन मजबूरी.जीभ से किसी के संबंध में कोई उल्लंघन नहीं मना सामग्री खाने के लिए और असभ्य भाषा लैंगिकता बात करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, कामुकता को टाला जा सकता है। अंगों के आत्म संयम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए…

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